रायपुर– छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 5 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाए गए इन अधिकारियों को देर शाम हिरासत में लिया गया। आज, सभी आरोपियों को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उनके रिमांड पर फैसला होगा।
कौन-कौन से अधिकारी हुए गिरफ्तार?
EOW ने जिन 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
🔹 बसंत कौशिक – महाप्रबंधक (तकनीशियन)
🔹 कमलकांत पाटनवार – जीएम (तकनीशियन)
🔹 क्षिरौंद्र रावटिया – बायोमेडिकल इंजीनियर
🔹 डॉ. अनिल परसाई – स्वास्थ्य विभाग स्टोर इंचार्ज
🔹 आनंद राव – अन्य अधिकारी
411 करोड़ का घोटाला, 750 करोड़ की संदिग्ध खरीदारी
➡️ सरकार को 411 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
➡️ IAS और IFS अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई।
➡️ सिर्फ 27 दिनों में 750 करोड़ की खरीद कर ली गई।
➡️ EOW की जांच में कई प्राइवेट कंपनियों की संलिप्तता उजागर हुई।
किन कंपनियों ने की घोटाले में भूमिका?
EOW की जांच में कुछ नामी निजी कंपनियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है:
✅ मोक्षित कॉर्पोरेशन
✅ रिकॉर्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम
✅ श्री शारदा इंडस्ट्रीज
✅ सीबी कॉर्पोरेशन
मेडिकल उपकरणों को बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया। उदाहरण के लिए:
🔸 ₹8 की EDTA ट्यूब को ₹2,352 में खरीदा गया
🔸 ₹5 लाख की CBS मशीन को ₹17 लाख में खरीदा गया
🔸 ₹300 करोड़ के रीएजेंट खरीदे गए
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अब तक क्या कार्रवाई हुई?
✅ मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
✅ EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) जांच में जुटे हैं।
✅ स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए।
अब देखना होगा कि जांच एजेंसियां आगे किन बड़े नामों को उजागर करती हैं और घोटाले में लिप्त अन्य आरोपियों पर क्या कार्रवाई होती है।