चैत्र नवरात्रि 2025 (Chaitra Navratri 2025) की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। इस पावन अवसर पर हम आपको एक अनोखे काली मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां मां काली को पारंपरिक मिठाई की जगह नूडल्स और मोमोज का भोग लगाया जाता है। यह मंदिर कोलकाता के टेंगरा इलाके में स्थित है और इसे “चीनी काली मंदिर” (Chinese Kali Temple) के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां प्रसाद के रूप में मिठाइयों की जगह चाइनीज फूड परोसा जाता है, जिसे भक्त बड़े श्रद्धा भाव से ग्रहण करते हैं।
क्यों चढ़ाया जाता है मां काली को चाइनीज फूड?
📍 यह मंदिर कोलकाता के तांग्रा (Tangra) इलाके में स्थित है, जिसे चाइना टाउन भी कहा जाता है।
📍 1950 के दशक में चीन में गृहयुद्ध के दौरान कई चीनी नागरिक शरणार्थी बनकर कोलकाता में आकर बस गए।
📍 उन्होंने मां काली को नूडल्स, मोमोज और अन्य चाइनीज व्यंजन चढ़ाना शुरू किया, जो धीरे-धीरे मंदिर की परंपरा बन गई।
📍 अब यहां हर दिन सैकड़ों भक्त प्रसाद के रूप में चाइनीज भोजन ग्रहण करते हैं।
चीनी काली मंदिर की दिलचस्प कहानी
🛕 लगभग 60 साल पहले एक चीनी परिवार के बच्चे की तबीयत बहुत खराब हो गई थी।
🛕 परिवार ने कई जगह इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
🛕 फिर वे इस काली मंदिर में आए और मां से प्रार्थना की।
🛕 मां काली की कृपा से बच्चा ठीक हो गया, जिससे प्रभावित होकर चाइनीज समुदाय के लोगों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और पूजा शुरू कर दी।
🛕 इसके बाद इस मंदिर को “चीनी काली मंदिर” कहा जाने लगा और यहां देवी की आराधना चाइनीज परंपराओं के अनुसार की जाने लगी।
प्रसाद में मिलता है नूडल्स और मोमोज
🍜 इस मंदिर में मां काली को भोग में नूडल्स, मोमोज, फ्राइड राइस और अन्य चाइनीज व्यंजन चढ़ाए जाते हैं।
🍜 यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में मिठाई की जगह चाइनीज फूड मिलता है।
🍜 लोग इसे मां काली का आशीर्वाद मानकर श्रद्धा भाव से ग्रहण करते हैं।
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क्यों जाना चाहिए इस मंदिर में?
✅ धर्म और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
✅ हिंदू और चीनी परंपराओं का अनूठा मेल देखने को मिलता है।
✅ मां काली के भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल, जहां आस्था का नया रूप देखने को मिलता है।