बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर में एक बार फिर धर्मांतरण का मामला गरमाता नजर आ रहा है। इस बार घटना तोरवा थाना क्षेत्र के साईं भूमि परिसर की है, जहां प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगा है।
हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन का आरोप
रविवार को साईं भूमि परिसर में ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस सभा में हिंदू धर्म के लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों ने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए दो लोगों को हिरासत में लिया है।
धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं बिलासपुर में
यह कोई पहली घटना नहीं है। बिलासपुर जिले में बीते कुछ महीनों से लगातार धर्मांतरण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
🔹 6 अप्रैल | सरकंडा थाना
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अटल आवास में दो जगहों पर धर्मांतरण की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की थी।
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दो पास्टर सहित कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
🔹 23 मार्च | मोपका क्षेत्र
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प्रार्थना सभा की आड़ में चल रही गतिविधियों पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई थी।
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पुलिस ने दो घरों में दबिश देकर 4 लोगों को हिरासत में लिया और धर्म विशेष से संबंधित साहित्य जब्त किया था।
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पुलिस कर रही गहन पूछताछ | धर्मांतरण कानूनों के तहत हो सकती है सख्त कार्रवाई
फिलहाल तोरवा पुलिस हिरासत में लिए गए दोनों लोगों से पूछताछ कर रही है। अगर धर्मांतरण का आरोप सही पाया गया, तो छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।