बिलासपुर / गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) कैंप के दौरान एक धार्मिक विवाद खड़ा हो गया है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि 30 मार्च 2025, ईद-उल-फितर के दिन, कैंप में शामिल सभी छात्रों को नमाज़ पढ़ने के लिए बाध्य किया गया। इस मामले को लेकर कोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
159 छात्रों में से सिर्फ 4 मुस्लिम, फिर भी सभी से नमाज़ पढ़ने को कहा गया
जानकारी के अनुसार, 26 मार्च से 1 अप्रैल के बीच आयोजित एनएसएस शिविर में कुल 159 छात्र शामिल थे, जिनमें से केवल 4 मुस्लिम छात्र थे। बाकी सभी छात्र हिंदू समुदाय से थे। छात्रों का दावा है कि 30 मार्च को सभी को एकत्र कर धार्मिक अनुष्ठान में जबरन शामिल कराया गया।
एनएसएस कोऑर्डिनेटर और कार्यक्रम अधिकारी पर लगाए गए गंभीर आरोप
छात्रों ने आरोप लगाया है कि एनएसएस कोऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर ने छात्रों को धार्मिक स्वतंत्रता की अनदेखी करते हुए नमाज़ पढ़ने पर मजबूर किया। इस दबाव के विरोध में कई छात्रों ने कोनी थाने में लिखित शिकायत दी है।
छात्र बोले – एनएसएस का उद्देश्य धर्म नहीं, राष्ट्र सेवा है
छात्रों का कहना है कि एनएसएस का मकसद सामाजिक सेवा और राष्ट्र निर्माण है, न कि किसी धर्म विशेष का प्रचार या धार्मिक अनुष्ठान थोपना। इस पूरे घटनाक्रम से छात्र आहत और नाराज हैं।
फिर गरमाया धर्मांतरण का मुद्दा: हिंदू संगठनों के विरोध के बाद दो हिरासत में, जाने पूरा मामला…
पुलिस जांच में जुटी, विश्वविद्यालय की छवि पर सवाल
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कोनी पुलिस ने मामला दर्ज कर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
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आरोपियों से पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
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सोशल मीडिया पर मामला तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विश्वविद्यालय की साख को नुकसान हो रहा है।
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विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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छात्र संगठन और स्थानीय सामाजिक संगठन कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।