पश्चिम बंगाल हिंसा की जड़ में वक्फ कानून का विरोध
पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला बीते पांच दिनों से हिंसा की चपेट में है। वक्फ कानून के विरोध में शुरू हुई इस हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। अब इस हिंसा को लेकर जांच एजेंसियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
तुर्किए से हुआ था फंड ट्रांसफर, दंगाइयों को ₹500 दिए गए
सूत्रों के मुताबिक, हिंसा की साजिश तीन महीने पहले रची गई थी और इसकी फंडिंग तुर्किए से की गई थी। दंगाइयों को ट्रेनें रोकने, लूटपाट और हिंसा के लिए ₹500-₹500 दिए गए थे। उन्हें स्पष्ट निर्देश था कि सिर्फ हिंदुओं और सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाना है।
दंगों को ट्रिगर करने के लिए तलाशा गया मौका
जांच एजेंसियों ने बताया कि दो महीने पहले आतंकी संगठन से जुड़े दो प्रमुख सदस्य मुर्शिदाबाद पहुंचे और एक “बड़ी दावत” की बात कही। पहले रामनवमी को ट्रिगर प्वाइंट बनाने की योजना थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से बदलाव किया गया। अंततः वक्फ बिल विरोध को हिंसा शुरू करने का बहाना बनाया गया।
रेलवे और पुलिस संपत्ति को बनाया गया पहला निशाना
दंगाइयों को कहा गया कि जितना अधिक नुकसान करेंगे, उन्हें उतना ज्यादा भुगतान मिलेगा।
टारगेट लिस्ट में शामिल था:
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रेलवे ट्रैक को बाधित करना
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पुलिस वाहन जलाना
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हिंदुओं के घरों में लूटपाट
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हत्या और दहशत फैलाना
बांग्लादेश जैसे हालात बनाने की थी साजिश
जांच में खुलासा हुआ कि साजिशकर्ताओं का मकसद पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश जैसी सांप्रदायिक हिंसा में झोंकना था। विदेशों से खासकर तुर्किए से फंडिंग के ज़रिए दंगाइयों को ट्रेनिंग और पैसा मुहैया कराया जा रहा था।
हिंसा रोकने में जुटी सरकार, केंद्रीय बल तैनात
10 अप्रैल से शुरू हुई इस हिंसा को काबू करने के लिए केंद्र सरकार ने बीएसएफ की 300 टुकड़ियां तैनात की हैं। इसके साथ ही केंद्रीय बलों की 5 अतिरिक्त कंपनियां भी भेजी गई हैं। फिलहाल मुर्शिदाबाद में हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन नियंत्रण में लाने की कोशिशें जारी हैं।