नई दिल्ली/रायपुर: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। यह बैठक राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों को लेकर आयोजित की गई थी। बैठक में पुलिस, जेल, अभियोजन, फॉरेंसिक और न्याय व्यवस्था से जुड़े शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर फोकस
अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का मकसद देश में न्याय प्रणाली को आधुनिक और प्रभावी बनाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को इसे टॉप एजेंडा मानकर जल्दी से जल्दी लागू करना चाहिए ताकि राज्य एक आदर्श उदाहरण बन सके।
DSP स्तर पर तय हो जवाबदेही, 60-90 दिन में हो चार्जशीट दाखिल
गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि DSP स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, ताकि 60 से 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल की जा सके। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि साक्ष्य रिकॉर्डिंग से लेकर पूरी ट्रायल प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए की जा सकती है, जिससे मैनपावर और समय दोनों की बचत होगी।
हर पुलिस थाने में हो NATGRID का इस्तेमाल
अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हर पुलिस थाने और DSP स्तर के अधिकारी को गंभीर अपराधों के मामलों में NATGRID का नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए। यह डेटा इंटेलिजेंस सिस्टम अपराधों की जांच में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
नियमित समीक्षा की बनाई गई रणनीति
बैठक में गृह मंत्री ने सुझाव दिया कि:
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मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक – सप्ताह में एक बार समीक्षा करें।
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राज्य के गृह मंत्री – हर 15 दिन में समीक्षा करें।
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मुख्यमंत्री – महीने में एक बार प्रगति की समीक्षा करें।
इससे क्रियान्वयन की गति तेज होगी और जमीनी स्तर पर प्रभावी परिणाम मिल सकेंगे।