छत्तीसगढ़ में जमीन नामांतरण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव– अब तहसीलदार नहीं, रजिस्ट्रार करेगा म्यूटेशन…

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छत्तीसगढ़ में जमीन नामांतरण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव– अब तहसीलदार नहीं, रजिस्ट्रार करेगा म्यूटेशन...

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन की खरीदी-बिक्री के बाद नामांतरण (Mutation) की प्रक्रिया को और अधिक तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब तहसीलदार से नामांतरण का अधिकार वापस लेकर रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार को यह ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है।

रजिस्ट्री के साथ ही खुद-ब-खुद हो जाएगा म्यूटेशन, नहीं लगेगा अलग से आवेदन

अब जैसे ही ज़मीन की रजिस्ट्री होगी, उसका नाम स्वतः नए मालिक के नाम पर ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा। यानी अब कोई अलग से नामांतरण के लिए तहसील में चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

पहले क्या होता था: आवेदन, इंतज़ार और फर्जीवाड़े की गुंजाइश

अब तक नामांतरण के लिए रजिस्ट्री के बाद तहसील में अलग से आवेदन देना होता था। इस प्रक्रिया में समय लगता था, जिससे कई बार धांधली, देरी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं आती थीं। खासकर किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने में दिक्कत होती थी क्योंकि नामांतरण लंबित रहता था।

अब क्या बदलेगा: तुरंत ट्रांसफर, पारदर्शिता और किसानों को राहत

  • अब रजिस्ट्री के साथ ही जमीन का नामांतरण ऑटोमैटिक होगा

  • फर्जी दस्तावेज़ों पर रोक लगेगी

  • भू-माफिया की गतिविधियों पर लगाम

  • किसानों को सीधा फायदा, अब आसानी से बेच पाएंगे फसल

  • कोर्ट जैसी लंबी प्रक्रिया का झंझट खत्म

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सरकार का उद्देश्य: डिजिटल ट्रैकिंग और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा

इस बदलाव के पीछे राज्य सरकार की मंशा है कि छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में और आगे बढ़ाया जाए। इससे भू-संपत्ति से जुड़े विवाद कम होंगे और जनता को वास्तविक राहत मिलेगी।

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