पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत के खिलाफ बयान दिया, जिसमें चौंकाने वाला तरीके से छत्तीसगढ़ का भी जिक्र किया। पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करते हुए नक्सल हिंसा को बगावत करार दिया।
छत्तीसगढ़, मणिपुर और नागालैंड का उदाहरण देकर हमला
अपने बयान में ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के कई राज्यों जैसे नागालैंड, मणिपुर और छत्तीसगढ़ में लोग दिल्ली की सरकार के खिलाफ हथियार उठा रहे हैं और अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान का इन घटनाओं से कोई संबंध नहीं है और भारत को अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए दूसरों को दोष देना बंद करना चाहिए।
क्या बोले ख्वाजा आसिफ?
आसिफ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,
“यह भारत का आंतरिक मामला है। उनकी सो-कॉल्ड रियासतों में बगावतें हो रही हैं। नागालैंड से लेकर कश्मीर, दक्षिण में छत्तीसगढ़ और मणिपुर तक लोग दिल्ली सरकार के खिलाफ अपने हुकूक (अधिकार) मांग रहे हैं।”
उन्होंने भारत सरकार पर अल्पसंख्यकों—मुसलमान, ईसाई और बौद्ध—का दमन करने का आरोप भी लगाया, और कहा कि यही उत्पीड़न देश के भीतर असंतोष को बढ़ा रहा है।
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आतंकवाद पर भी पाकिस्तान ने मानी अपनी गलती
दिलचस्प बात यह है कि ख्वाजा आसिफ का यह बयान ऐसे समय आया है जब उन्होंने हाल ही में एक ब्रिटिश मीडिया इंटरव्यू में यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने पिछले 30 वर्षों में आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण दिया था। उन्होंने कहा कि यह सब अमेरिका और पश्चिमी देशों के कहने पर किया गया, और अब पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
आसिफ ने कहा,
“अगर हमने सोवियत संघ के खिलाफ जंग में भाग नहीं लिया होता और 9/11 के बाद के हालात से बचे होते, तो आज पाकिस्तान का रिकॉर्ड एकदम साफ होता।”