नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 7 की सामाजिक विज्ञान की किताबों से मुगल शासन और दिल्ली सल्तनत से जुड़े अध्यायों को पूरी तरह से हटा दिया है।
अब ध्यान केंद्रित किया गया है भारत के प्राचीन राजवंशों, धार्मिक स्थलों, महाकुंभ मेले और सरकारी योजनाओं पर।
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCFSE) 2023 के अनुरूप किया गया है, जिसका मकसद भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना है।
कोविड-19 के बाद से शुरू हुई थी बदलाव की प्रक्रिया
NCERT अधिकारियों ने बताया कि:
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महामारी के दौरान ही मुगलों और सल्तनत से जुड़े अध्यायों को घटाया गया था।
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अब इन्हें सम्पूर्ण रूप से हटाकर, नया फोकस भारत के प्राचीन गौरवशाली इतिहास पर रखा गया है।
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‘Exploring Society: India and Beyond’ नामक किताब में मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे राजवंशों की गौरवगाथा शामिल की गई है।
पवित्र भूगोल और महाकुंभ को मिला विशेष स्थान
नई पुस्तकों में एक नया अध्याय ‘पवित्र भूगोल’ जोड़ा गया है, जिसमें:
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12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्ति पीठों का विवरण दिया गया है।
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महाकुंभ मेला, जिसमें 660 मिलियन श्रद्धालु शामिल हुए थे, को भी प्रमुखता से दर्शाया गया है।
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हालांकि, भगदड़ जैसी दुखद घटनाओं का उल्लेख नहीं किया गया है।
प्रमुख सरकारी योजनाओं का उल्लेख
नई किताबों में भारत के विकास को दर्शाने वाली योजनाओं को भी स्थान मिला है:
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मेक इन इंडिया
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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
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अटल सुरंग
साथ ही, राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के 2004 के निर्णय को भी शामिल किया गया है।
बदलाव पर उठे सवाल
हालांकि, इन परिवर्तनों को लेकर विवाद भी सामने आ रहे हैं।
कुछ आलोचकों ने ‘भगवाकरण’ का आरोप लगाया है और इसे इतिहास को एकतरफा प्रस्तुत करने की कोशिश करार दिया है।