तीन महीने पहले एक्सपायर हो चुकी थी दवा, शरीर में जलन के बाद परिजनों को हुआ शक
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला में चौंकाने वाली लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक मरीज को तीन महीने पुरानी एक्सपायरी ग्लूकोज बॉटल चढ़ा दी गई।
यह घटना रविवार रात हुई, जब छावनी निवासी दीपक कुमार की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान नाइट ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बिना चेक किए एक्सपायरी डेक्सट्रोज चढ़ा दिया, जिससे मरीज के शरीर में जलन होने लगी।
परिजनों ने वीडियो बनाकर किया खुलासा, नर्स ने मानी गलती
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सुबह जब दीपक ने जलन की शिकायत की, तब उसके जीजा अनिल सिंह ने डिप की बोतल चेक की
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बोतल फरवरी 2025 तक एक्सपायरी बताई गई थी, लेकिन उत्पादन मार्च 2022 का था
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जब वीडियो बनाकर नर्स को दिखाया गया, तब उसने अपनी गलती स्वीकार की
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हैरानी की बात ये रही कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मंजू राठौर ने इस पर कहा – “मरीज मरा तो नहीं, ऐसी गलती हो जाती है”
CGMSC की सप्लाई वाली दवा अस्पताल स्टोर में कैसे पहुंची?
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डेक्सट्रोज का बैच नंबर 1221910 था, जिसकी सप्लाई CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन) द्वारा की गई थी
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सवाल ये उठता है कि तीन लेयर की जांच प्रक्रिया के बावजूद यह दवा कैसे स्टोर तक पहुंची और मरीज को चढ़ा दी गई?
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अस्पताल में एक्सपायरी दवा का उपयोग किया जाना गंभीर लापरवाही का संकेत है
जांच के निर्देश, कार्रवाई के संकेत
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीयाम सिंह ने कहा:
“मामला संज्ञान में आया है और इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। जांच के आदेश दिए गए हैं। दवा स्टोर तक कैसे पहुंची, यह जांच का विषय है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।”
सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में दवा वितरण और चिकित्सा लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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क्या दवा स्टोर में नियमित रूप से दवाओं की जांच हो रही है?
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नर्सिंग स्टाफ को क्या पर्याप्त ट्रेनिंग और सतर्कता दी जा रही है?
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CGMSC से सप्लाई होने वाली दवाओं की गुणवत्ता और वैधता की जांच कौन कर रहा है?