दुर्ग। भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी के तहत 7 मई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। जिला प्रशासन ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है और कलेक्टर अभिजीत सिंह ने आज शाम अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है।
भिलाई स्टील प्लांट की संवेदनशीलता को देखते हुए चुना गया दुर्ग
कलेक्टर ने बताया कि दुर्ग में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल की जा रही है।
इस दौरान आपदा प्रबंधन के लिए SDRF और NDRF टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ड्रिल में सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग समेत कई एजेंसियां भाग लेंगी।
भारत-पाकिस्तान में बढ़ता तनाव, युद्ध जैसी स्थिति से निपटने की तैयारी
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया है।
युद्ध जैसे हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस आदेश के तहत 7 मई को देशभर के कई संवेदनशील जिलों में एकसाथ मॉक ड्रिल आयोजित होगी।
छत्तीसगढ़ के अलावा कहां-कहां हो रही है मॉक ड्रिल?
गृह मंत्रालय ने जिन राज्यों और जिलों में मॉक ड्रिल के आदेश दिए हैं, उनमें शामिल हैं:
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पंजाब, राजस्थान, गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्य
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उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र
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छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला प्रमुख केंद्रों में शामिल
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आपदा प्रबंधन की मॉक ड्रिल से क्या होगा फायदा?
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किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन और एजेंसियों की रेस्पॉन्स क्षमता की जांच
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आम जनता में सजगता और जागरूकता बढ़ाना
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औद्योगिक और सामरिक ठिकानों की सुरक्षा प्रणाली को परखना
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फील्ड ट्रायल और इमरजेंसी सिस्टम की रियल-टाइम जांच