भेजीपदर सिंचाई योजना के मुआवज़े में घोटाले का आरोप, SDM कार्यालय पर रिश्वतखोरी का आरोप
चार साल बाद मिला चेक, लेकिन तीन बार हो चुका बाउंस
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में किसानों को उनकी अधिग्रहित भूमि के बदले चार साल बाद मिला मुआवज़े का चेक तीन बार बाउंस हो चुका है। पीड़ित किसानों का आरोप है कि एसडीएम कार्यालय के बाबू चेक क्लियर करवाने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
भेजीपदर सिंचाई योजना से जुड़ा है मामला
यह मामला भेजीपदर डायवर्जन सिंचाई परियोजना से जुड़ा है, जिसमें 2021 में किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहित की गई थी। परियोजना का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन मुआवज़े की राशि अब तक किसानों तक नहीं पहुंच पाई।
13.63 लाख का चेक तीन बार बाउंस
अमलीपदर निवासी किसान शिवकुमार मिश्रा को अप्रैल 2024 में ₹13.63 लाख का चेक मिला था। उनके बेटे आदित्य मिश्रा ने बताया कि यह चेक 24 अप्रैल, 1 मई और 6 मई को तीन बार बैंक में जमा कराने के बावजूद बाउंस हो गया।
रिश्वत दो, तभी चेक क्लियर होगा: बाबू पर आरोप
आदित्य मिश्रा ने बताया कि SDM कार्यालय के बाबू ने चेक क्लियरेंस के बदले रिश्वत मांगी। जिन किसानों ने रिश्वत दी, उनके चेक क्लियर हो गए, लेकिन जिन्होंने नहीं दी, उन्हें बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
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70 KM का 20 बार सफर, फिर भी न्याय नहीं
शिवकुमार का परिवार अब तक अमलीपदर से मैनपुर तक करीब 20 बार चक्कर लगा चुका है। लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। शिकायत मिलते ही जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप मैनपुर SDM कार्यालय पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया।