छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल में बंद मार्कफेड (MARKFED) के तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज सोनी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ED और EOW द्वारा दर्ज मामलों में उन्हें ज़मानत दे दी गई है। पिछले एक साल से वे रायपुर के केंद्रीय कारागार में बंद थे।
हाईकोर्ट में तीन दिन तक हुई सुनवाई, 15 अप्रैल को आया फैसला
हाईकोर्ट में मनोज सोनी की जमानत याचिका पर 13, 14 और 15 अप्रैल 2025 को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 15 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। अब कोर्ट ने दोनों मामलों (ED और EOW) में उन्हें ज़मानत दे दी है।
क्या है कस्टम मिलिंग घोटाले का पूरा मामला?
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यह घोटाला वर्ष 2022-23 में सामने आया था।
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आरोप है कि राइस मिलरों से प्रति क्विंटल 20 रुपए कमीशन वसूला गया था।
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तत्कालीन एमडी मनोज सोनी ने विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा के ज़रिए रोशन चंद्राकर को निर्देश दिए थे कि उन्हीं राइस मिलर्स को भुगतान किया जाए, जिनसे कमीशन की वसूली हुई हो।
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आयकर विभाग ने छापेमारी कर 1.06 करोड़ रुपये नकद, लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइसेज़ जब्त किए थे।
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आरोप है कि इस घोटाले के तहत कुल 140 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी।
ED और EOW दोनों ने दर्ज की थी FIR
इस मामले में पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) और फिर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने भी एफआईआर दर्ज की थी। आरोप गंभीर माने जा रहे थे, और जांच के दायरे में कई अधिकारी थे।
मनोज सोनी को मिली जमानत, लेकिन जांच जारी
हालांकि हाईकोर्ट ने मनोज सोनी को ज़मानत दे दी है, लेकिन केस की जांच अभी भी जारी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की कानूनी कार्रवाई क्या मोड़ लेती है।