रायगढ़ / नगरीय निकाय चुनाव 2025 के दौरान मतदान प्रक्रिया में शराब के नशे में उपद्रव करने वाले सहायक शिक्षक झसकेतन राठिया को जिला कलेक्टर एवं निर्वाचन अधिकारी कार्तिकेया गोयल ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, झसकेतन राठिया प्राथमिक शाला बांजीखोल, विकासखंड तमनार में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनकी मतदान अधिकारी क्रमांक 02 के रूप में नगर पालिक निगम रायगढ़ के मतदान केंद्र क्रमांक 160 (प्राथमिक शाला भगवानपुर, क.नं.01) में ड्यूटी लगाई गई थी।
कैसे हुआ विवाद?
10 फरवरी 2025 को जब मतदान सामग्री प्राप्त करने और मतदान केंद्र जाने की प्रक्रिया चल रही थी, तब झसकेतन राठिया शराब के नशे में निर्वाचन स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे अन्य अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली और उपद्रव मचाया। प्रशासन ने इसे छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के खिलाफ माना, जो कि एक गंभीर अनुशासनहीनता है। इसके चलते उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
✅ तत्काल निलंबन: झसकेतन राठिया को निलंबित कर विकासखंड शिक्षा अधिकारी, पुसौर के मुख्यालय में भेजा गया।
✅ आचार संहिता का पालन सुनिश्चित: चुनावी प्रक्रिया में अनुशासन भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
✅ कड़े निर्देश: सभी चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को सख्त आचार संहिता के पालन के निर्देश दिए गए हैं।
क्या कहता है कानून?
📌 छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के अनुसार, सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य के दौरान अनुशासन का पालन करना अनिवार्य है।
📌 छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत अनुशासनहीनता पर तत्काल निलंबन या अन्य सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
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चुनावी प्रक्रिया में अनुशासन क्यों जरूरी?
✔️ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए।
✔️ चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए।
✔️ लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए।