उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत की गई सख्त कार्रवाई
गरियाबंद । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में कलेक्टर बी.एस. उइके के निर्देश पर अवैध उर्वरक बिक्री, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर लगाम कसने के लिए कृषि विभाग ने बड़ी छापामार कार्रवाई की है। इस दौरान मैनपुर और देवभोग ब्लॉक के उर्वरक विक्रय केंद्रों पर छापा मारकर 5 दुकानों पर अनियमितता पाई गई, जिन पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई की गई है।
किन दुकानों पर हुई कार्रवाई?
-
मेसर्स कैलाश कृषि केंद्र और आद्या कृषि केंद्र (अमलीपदर)
➡️ मूल्य सूची नहीं प्रदर्शित की गई
➡️ बिल और रसीदें निर्धारित प्रारूप में नहीं दी जा रही थीं
➡️ POS मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा था
➡️ आवश्यक रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाई गई
इन प्रतिष्ठानों को 3 दिन में जवाब प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया गया है और फिलहाल उन पर विक्रय प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जिले में उर्वरक और बीज की उपलब्धता की स्थिति
-
17,500 क्विंटल धान बीज का स्टॉक
-
प्रमुख किस्में: MTU-1010, Swarna, Vikram-TCR, IR-64, आदि
-
19,299 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का भंडारण
-
वितरण हो चुका है:
🔹 12,100 क्विंटल धान बीज
🔹 13,389 मीट्रिक टन उर्वरक
कृषकों के लिए संदेश: उठाएं सरकारी सुविधाओं का लाभ
उपसंचालक चंदन कुमार रॉय ने कृषकों से अपील की है कि वे शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ध्यानपूर्वक अधिकृत विक्रेताओं से ही बीज और उर्वरक खरीदें। कोई भी किसान यदि निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बीज या उर्वरक बेचे जाने की शिकायत पाए तो तुरंत वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी या उप संचालक कृषि कार्यालय को सूचित करें।
छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: आदिम जाति विकास विभाग के 23 अफसरों का तबादला…
नियमित निरीक्षण से कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश
जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा अमलीपदर, उरमाल, भेजीपदर और खोखमा की सहकारी समितियों का भी निरीक्षण किया गया। कृषि विभाग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुड़ें और जिले को बीज उत्पादन के क्षेत्र में सशक्त बनाया जा सके।