बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले (NAN Scam) में फंसे पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे उन्हें एक और झटका लगा है।
हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा पर पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार में संलिप्तता के गंभीर आरोप लगे हैं। ACB और EOW ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।
- छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े घोटालों में से एक नान घोटाले में दो पूर्व IAS अधिकारियों समेत सतीश चंद्र वर्मा को भी आरोपी बनाया गया है।
- उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए कई बार प्रयास किया, लेकिन उन्हें निचली अदालत और हाईकोर्ट दोनों से निराशा हाथ लगी।
- हाईकोर्ट ने आज उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे उनकी कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
क्या है नान घोटाला?
छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) घोटाला हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है, जिसमें पूर्व आईएएस अधिकारी, सरकारी अफसर और अन्य प्रभावशाली लोग आरोपी हैं। इस घोटाले का खुलासा होते ही ACB और EOW ने जांच शुरू की और कई बड़े अधिकारियों को आरोपी बनाया गया।
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अब क्या होगा आगे?
अब तक कोर्ट से किसी भी स्तर पर सतीश चंद्र वर्मा को राहत नहीं मिली है। जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब उनकी गिरफ्तारी की संभावना और बढ़ गई है।