पेंड्रा, छत्तीसगढ़ | पेंड्रा में उस वक्त राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया जब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने अपने 1173 समर्थकों के साथ मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने की कोशिश की। प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद की गई इस कार्रवाई के चलते पुलिस ने सभी को अस्थायी रूप से हिरासत में ले लिया। बाद में मुचलके पर रिहाई दे दी गई।
ज्योतिपुर चौक पर हुआ घटनाक्रम, प्रशासन ने रोका
यह मामला ज्योतिपुर चौक का है, जो अजीत जोगी की समाधि स्थल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और मूर्ति स्थापना की कोशिश की। प्रशासन ने इसे अवैध कार्यवाही बताते हुए रोक दिया। अधिकारियों के अनुसार, कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बनी।
अमित जोगी का आरोप – “शासन ने मेरे पिता की प्रतिमा कैद कर ली”
गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में अमित जोगी ने कहा,
“जमीन मेरी है, प्रतिमा मेरे पिता की है, और जनता की भावनाएं हमारे साथ हैं। मैंने कोई अपराध नहीं किया, लेकिन शासन ने मेरे पिता की प्रतिमा को जब्त कर लिया। हम उसे वापस लेने गए थे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरी कार्रवाई के पीछे आरएसएस प्रमुख के पुत्र का हाथ है, जो सीसीटीवी फुटेज में भी नजर आया है।
आरएसएस पर सीधा हमला – “अब यह राक्षस समाज भक्षक संघ है”
अमित जोगी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला करते हुए कहा,
“मोहन भागवत कहते हैं कि बड़ों का सम्मान होना चाहिए, लेकिन उनके अनुयायी ठीक उल्टा कर रहे हैं। आज RSS का मतलब ‘राक्षस समाज भक्षक संघ’ बन चुका है।”
मूर्ति स्थापना विवाद पर जाएंगे हाईकोर्ट
अमित जोगी ने एलान किया कि वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि वे पहले बाबा साहब अंबेडकर के स्मारक जाएंगे, उनसे आशीर्वाद लेंगे और फिर न्यायिक लड़ाई शुरू करेंगे।
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प्रशासन ने तनाव रोका, शांति से निपटा मामला
पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और सभी लोगों को समझाइश देकर हिरासत में लिया। अधिकारियों के अनुसार, किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए यह एहतियाती गिरफ्तारी की गई थी, और बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।