फ्लैट का कब्जा न देने और अनुबंध उल्लंघन पर खरीदार को मिला न्याय
रायपुर — छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (CGRERA) ने एक अहम निर्णय में रजत बिल्डर को 57.97 लाख रुपये की राशि एक फ्लैट खरीदार को लौटाने का आदेश दिया है। यह फैसला अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन और समय पर फ्लैट का आधिपत्य नहीं देने पर सुनाया गया।
10 साल बाद भी नहीं मिला फ्लैट, खरीदार ने रेरा में लगाई गुहार
वर्ष 2014 में खरीदार ने रजत बिल्डर्स के ‘रजत होम्स कादम्बरी, जिला दुर्ग’ प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था। लेकिन एक दशक बीत जाने के बावजूद न तो उन्हें फ्लैट का कब्जा मिला और न ही परियोजना पूरी हुई। इससे परेशान होकर खरीदार ने छत्तीसगढ़ रेरा में शिकायत दर्ज करवाई।
रेरा ने माना रजत बिल्डर ने किया कानून का उल्लंघन
छत्तीसगढ़ रेरा की जांच में स्पष्ट हुआ कि प्रमोटर ने रेरा अधिनियम 2016 की धारा 11 का उल्लंघन किया है। यह धारा प्रमोटरों को समय पर निर्माण कार्य पूरा करने और खरीदार को संपत्ति का अधिकार सौंपने के लिए बाध्य करती है।
रेरा का आदेश: लौटाएं 24 लाख मूलधन + 27.97 लाख ब्याज
रेरा ने बिल्डर को निर्देशित किया है कि वह खरीदार को
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₹24 लाख का मूलधन
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₹27.97 लाख ब्याज
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कुल राशि ₹57,97,200
15 दिन के भीतर लौटाए।
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खरीदारों के हित में रेरा की सक्रियता
यह निर्णय न केवल पीड़ित ग्राहक को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि रेरा अधिनियम का पालन अनिवार्य है। बिल्डरों द्वारा की गई देरी और अनुबंध उल्लंघन पर अब सख्त कार्रवाई सुनिश्चित है।
छत्तीसगढ़ रेरा ने फिर साबित किया है कि वह आम नागरिकों के आवासीय अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह सजग है।