सरकारी कर्मचारियों के तबादलों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसका असर लाखों सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा। कोर्ट ने साफ कहा है कि किसी भी कर्मचारी को एक ही स्थान पर बने रहने का अधिकार नहीं है। यह फैसला आने वाले समय में सरकारी तबादलों की नीति को नई दिशा देगा।
हाईकोर्ट का अहम निर्णय
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी सेवाओं में स्थानांतरण एक सामान्य प्रक्रिया है और यह पूरी तरह से विभागीय नीति और सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। यदि तबादला नियमों का उल्लंघन नहीं करता, तो इसमें कोई न्यायिक हस्तक्षेप नहीं होगा।
क्यों हुई याचिका दायर?
राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसरों ने याचिका दायर कर दावा किया था कि राज्य सरकार ने 4 जनवरी 2023 को सभी सरकारी विभागों और स्वायत्तशासी संस्थाओं में तबादलों पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद उनका ट्रांसफर कर दिया गया, जो आदेशों के खिलाफ है।
कोर्ट का जवाब और आदेश
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि:
✅ एक कर्मचारी का एक स्थान पर स्थायी रूप से रहने का कोई अधिकार नहीं।
✅ सक्षम अधिकारी नियमों के अनुसार तबादला करने के लिए स्वतंत्र हैं।
✅ कृषि विश्वविद्यालय एक स्वायत्तशासी संस्था है, इसलिए राज्य सरकार के तबादला आदेश इस पर लागू नहीं होते।
✅ याचिकाकर्ताओं को नए पद पर जॉइन करने का आदेश, अन्यथा विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
क्या है इस फैसले का असर?
यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के तबादला नियमों को स्पष्ट करता है और यह संदेश देता है कि सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा जब तक कि कोई नियमों का उल्लंघन न हो।