सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: इतने साल तक कब्जा करने पर मिलेगी प्रॉपर्टी की कानूनी मालिकाना हक!

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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: इतने साल तक कब्जा करने पर मिलेगी प्रॉपर्टी की कानूनी मालिकाना हक!

नई दिल्ली: भारत में संपत्ति विवाद और अवैध कब्जे की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जो जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी मामलों में बड़ा बदलाव ला सकता है।

12 साल तक कब्जा करने पर मिल सकता है मालिकाना हक!

सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी निजी संपत्ति पर 12 साल तक लगातार कब्जा बनाए रखता है और असली मालिक ने इस दौरान कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, तो कब्जाधारी को उस जमीन का कानूनी मालिक माना जाएगा। हालांकि, यह नियम सरकारी जमीनों पर लागू नहीं होगा

कैसे बदला सुप्रीम कोर्ट का पुराना फैसला?

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था, लेकिन इस नए फैसले में बदलाव करते हुए अदालत ने कहा कि 12 साल तक बिना आपत्ति के कब्जा रहने पर कब्जाधारी को कानूनी अधिकार मिल सकता है

किराए पर दी गई प्रॉपर्टी पर भी लागू हो सकता है यह नियम!

अगर कोई किराएदार 12 साल तक किसी प्रॉपर्टी पर लगातार रह रहा है और मकान मालिक ने उसे हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो उस किराएदार को भी उस संपत्ति का मालिकाना हक मिलने की संभावना हो सकती है

प्रॉपर्टी मालिकों के लिए क्या जरूरी है?

समय-समय पर अपनी संपत्ति की जांच करें।
किराएदारों के साथ 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट बनवाएं और इसे समय पर रिन्यू करें।
यदि अवैध कब्जा हो तो जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई करें।
किसी भी विवाद की स्थिति में कानून विशेषज्ञों से सलाह लें।क्या कहता है भारतीय कानून?

भारतीय कानून के मुताबिक, निजी प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक जताने की समय सीमा 12 साल है, जबकि सरकारी संपत्तियों के लिए यह सीमा 30 साल है। यानी 12 साल तक कब्जा रखने के बाद कोई भी व्यक्ति मालिक बन सकता है, बशर्ते असली मालिक ने दावा न किया हो

क्या यह नियम सरकारी जमीन पर लागू होगा?

नहीं! यह कानून केवल निजी संपत्तियों पर लागू होता है। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के मामलों में यह नियम मान्य नहीं होगा और सरकार कभी भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर सकती है।

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नए फैसले का असर!

भूमि विवादों में बढ़ोतरी हो सकती है।
प्रॉपर्टी मालिकों को अधिक सतर्क रहना होगा।
अवैध कब्जाधारियों के लिए कानूनी रास्ता खुल सकता है।
रियल एस्टेट बाजार पर असर पड़ सकता है।

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