नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक 28 फरवरी को होने वाली है, जिसमें पीएफ ब्याज दर में कटौती को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है।
EPFO की कमाई में गिरावट और ज्यादा क्लेम सेटलमेंट के चलते ब्याज दर घटाने की संभावना जताई जा रही है।
EPFO ब्याज दर में कटौती की वजह क्या है?
1. स्टॉक मार्केट और बॉन्ड यील्ड में गिरावट
🔸 EPFO अपनी इनकम का बड़ा हिस्सा स्टॉक मार्केट और बॉन्ड से कमाता है।
🔸 हाल के महीनों में बॉन्ड यील्ड में भारी गिरावट आई है जिससे EPFO की इनकम घटी है।
2. PF से ज्यादा पैसा निकाला गया
🔹 2024-25 में EPFO ने 5.08 करोड़ से ज्यादा क्लेम निपटाए, जिनकी कुल राशि 2.05 लाख करोड़ रुपए थी।
🔹 पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.82 लाख करोड़ रुपए था।
🔹 PF से ज्यादा निकासी की वजह से EPFO पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है।
इतिहास में कब रहा सबसे ज्यादा EPFO ब्याज?
वर्ष | ब्याज दर (%) |
---|---|
1952-53 | 3.00% |
1989-90 | 12.00% (अब तक का सबसे ज्यादा) |
2001-02 | 9.50% |
2005-06 | 8.50% |
2010-11 | 9.50% |
2011-12 | 8.25% |
2021-22 | 8.10% (अब तक का सबसे कम) |
2022-23 | 8.15% |
अगर इस साल भी ब्याज दर घटाई गई, तो यह करोड़ों कर्मचारियों के लिए आर्थिक झटका हो सकता है।
EPFO मीटिंग में क्या होगा फैसला?
🔹 EPFO की इनवेस्टमेंट कमेटी पहले ही आय और खर्च पर रिपोर्ट तैयार कर चुकी है।
🔹 बोर्ड की बैठक में ब्याज दर को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
🔹 कर्मचारी संगठन ब्याज दर में कटौती के खिलाफ हैं और इसका विरोध कर सकते हैं।