भ्रांतियों पर शिक्षा विभाग ने दी सफाई
रायपुर — छत्तीसगढ़ में विद्यालयों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) को लेकर चल रही भ्रांतियों को दूर करते हुए शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि न कोई स्कूल बंद होगा, और न ही कोई शिक्षक पद समाप्त किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह शिक्षा के अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों के तहत की जा रही है।
व्याख्याताओं को लेकर भ्रम फैलाया गया
शिक्षा विभाग ने बताया कि कुछ संगठनों द्वारा 5000 व्याख्याताओं को अतिशेष बताना भ्रामक है। हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पद विषय आधारित स्वीकृत हैं। यदि किसी विषय का केवल एक व्याख्याता है, तो उन्हें किसी भी स्थिति में अतिशेष नहीं माना जाएगा। समीक्षा सिर्फ उन्हीं स्कूलों की हो रही है जहां एक विषय में एक से अधिक व्याख्याता हैं या छात्र नहीं हैं।
4000 स्कूल बंद होने का दावा बेबुनियाद
कुछ संगठनों ने यह दावा किया था कि युक्तियुक्तकरण के चलते 4000 स्कूल बंद होंगे, जिसे शिक्षा विभाग ने पूरी तरह से गलत बताया। यह प्रक्रिया केवल एक ही परिसर में संचालित स्कूलों के प्रशासनिक समायोजन तक सीमित है। इससे कोई विद्यालय बंद नहीं होगा और किसी भी प्रधान पाठक का पद नहीं हटेगा।
43849 पद खत्म नहीं, सिर्फ 5370 शिक्षक होंगे स्थानांतरित
शिक्षा विभाग ने बताया कि 43849 शिक्षक पद समाप्त होने की खबरें भी तथ्यहीन हैं। आंकड़ों के अनुसार, केवल 5370 शिक्षक (3608 प्राथमिक शिक्षक व 1762 पूर्व माध्यमिक शिक्षक) अतिशेष पाए गए हैं, जिन्हें दूसरे विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा। सभी स्वीकृत पद भविष्य के लिए सुरक्षित और जीवित रहेंगे।
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युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य: गुणवत्ता और न्याय
शिक्षा विभाग ने साफ किया कि यह केवल प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बेहतर शिक्षा, संसाधनों का न्यायसंगत वितरण और छात्रों को समुचित शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराना है। यह राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है।