दमिश्क: सीरिया में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। लताकिया और टार्टस में अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (अबू मोहम्मद अल-जुलानी) की सेना और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच भीषण संघर्ष जारी है। इस हिंसा में बीते 2 दिनों में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
अलावी समुदाय पर हमले, महिलाओं को बनाया निशाना
सीरिया में HTS सुरक्षाबलों द्वारा अलावी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं। पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थक माने जाने वाले इस समुदाय की महिलाओं को सबसे अधिक हिंसा का शिकार बनाया गया है।
- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अलावी महिलाओं को नग्न कर सड़कों पर परेड कराई गई और फिर सिर में गोली मार दी गई।
- 745 आम नागरिक, 125 सरकारी सुरक्षाकर्मी और 148 असद समर्थक लड़ाके मारे गए हैं।
- लताकिया में बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं।
सड़क पर आम नागरिकों को गोली मारने का दावा
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) की रिपोर्ट के मुताबिक,
- बानियास शहर में सुरक्षा बलों ने आम लोगों को जबरदस्ती सड़कों पर लाकर गोली मारी।
- एक चश्मदीद ने बताया, “मेरे कम से कम 20 पड़ोसी और सहकर्मी मारे गए, जिससे हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।”
सामूहिक कब्रों में दफनाए गए शव
- रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा में मारे गए लोगों को सामूहिक कब्रों में दफनाया गया है।
- सीरियाई सेना ने असद समर्थकों के कई इलाकों पर दोबारा नियंत्रण कर लिया है।
- सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, तटीय क्षेत्रों की सड़कें बंद कर दी गई हैं।
सरकारी अस्पताल के LDC का मिला नग्न शव, इलाके में मची सनसनी…..
सीरिया में बढ़ता नरसंहार: दुनिया कब उठाएगी कदम?
सीरिया में यह संघर्ष सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि नरसंहार का भयावह रूप ले चुका है। अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने से हालात और खराब होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।