बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में यूजीसी नियमों के उल्लंघन के आरोप में प्रोफेसर भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायालय ने इस मामले में यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी का आरोप
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय ने कॉमर्स विभाग में प्रोफेसर पद के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इस पर डा. राजेश कुमार शुक्ला ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनका कहना है कि भर्ती में यूजीसी रेगुलेशन 2018 का पालन नहीं किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अयोग्य उम्मीदवारों के दस्तावेजों का गलत सत्यापन किया और उन्हें साक्षात्कार के लिए योग्य घोषित कर दिया।
UGC के नियमों के खिलाफ भर्ती का आरोप
याचिका में उल्लेख किया गया है कि यूजीसी रेगुलेशन 2018 के अनुसार केवल वही उम्मीदवार प्रोफेसर पद के लिए पात्र होंगे, जिनका मासिक वेतन 7वें वेतनमान के अनुसार 1,30,000/- रुपए या उससे अधिक हो। इस मानदंड की पुष्टि के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) या फॉर्म-16 की जांच अनिवार्य है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस नियम का पालन नहीं किया।
निजी कॉलेज के शिक्षकों की भर्ती पर विवाद
याचिका में यह भी कहा गया कि यदि कोई उम्मीदवार निजी विश्वविद्यालय या कॉलेज से है, तो उसका अनुभव तभी मान्य होगा जब उसकी नियुक्ति संवैधानिक चयन समिति के माध्यम से हुई हो। लेकिन, विश्वविद्यालय ने इस नियम को दरकिनार कर निजी कॉलेज के प्रोफेसरों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल कर लिया।
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अगली सुनवाई में बड़ा फैसला संभव
फिलहाल, हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी है और यूनिवर्सिटी से स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई में बड़ा फैसला आ सकता है।