बिना डॉक्टर की निगरानी में दी गई गर्भपात की गोली, दो नाबालिगों की गई जान
छत्तीसगढ़ के सरगुजा और जशपुर जिलों से सामने आए मामलों ने गर्भपात दवाओं की गैरकानूनी बिक्री और स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही को उजागर कर दिया है। दोनों ही मामलों में किशोरियों को उनके प्रेमियों द्वारा बिना चिकित्सकीय सलाह के गर्भपात की दवाएं खिलाई गईं, जिससे उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई।
मामला 1: सरगुजा में प्रेमी ने दी गर्भपात की दवा, किशोरी की मौत
सरगुजा जिले में एक नाबालिग किशोरी के साथ उसके प्रेमी ने पहले शारीरिक शोषण किया और फिर गर्भवती होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भपात की दवाइयां खिला दीं। स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद इलाज से पहले ही किशोरी की मौत हो गई।
मामला 2: जशपुर में 14 वर्षीय किशोरी की भी गई जान
जशपुर जिले की एक 14 वर्षीय नाबालिग भी चार माह की गर्भवती थी। आरोप है कि उसके प्रेमी ने भी उसे जबरन गर्भपात की गोलियां दीं, जिससे उसकी तबीयत बेहद खराब हो गई और अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी भी मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग ने दी चेतावनी – डॉक्टर की निगरानी के बिना गर्भपात दवा जानलेवा
सरगुजा के डीपीएम डॉ. पुष्पेंद्र राम ने स्पष्ट किया कि:
-
9 हफ्ते तक का गर्भ दवा से सिर्फ MBBS डॉक्टर की निगरानी में समाप्त किया जा सकता है।
-
12 हफ्ते तक सर्जिकल अबॉर्शन संभव है।
-
20–24 हफ्तों तक के मामलों में 2 डॉक्टरों की टीम जरूरी होती है।
-
इससे अधिक हफ्तों में विशेषज्ञों की निगरानी अनिवार्य है।
गंभीर सवाल: कैसे बिक रही हैं प्रतिबंधित दवाएं खुलेआम?
ये दोनों घटनाएं इस बात की जागरूक चेतावनी हैं कि गर्भपात की दवाएं मेडिकल स्टोर पर खुलेआम कैसे बिक रही हैं? स्वास्थ्य विभाग और औषधि नियंत्रण प्रशासन को अब कड़ी कार्रवाई करने की ज़रूरत है।