खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के अमलीपारा क्षेत्र से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना मंगलवार शाम की है, जिसने न केवल परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले को शोक में डुबो दिया है।
कमरे में बंद होकर लगाया फंदा
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, छात्रा शाम 7 बजे किताब लेने के बहाने घर से बाहर गई थी। वापस लौटने के बाद वह सीधे अपने कमरे में गई और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया।
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उस वक्त घर पर सिर्फ दादा-दादी मौजूद थे, बाकी सदस्य बाहर गए हुए थे।
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काफी देर तक कमरे से आवाज नहीं आने पर दादा ने खिड़की से झांक कर देखा, तो पोती फांसी के फंदे पर लटकी मिली।
पुलिस जांच में जुटी, नहीं मिला सुसाइड नोट
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, शव को नीचे उतारकर पंचनामा किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
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पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
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छात्रा पढ़ाई में होनहार और शांत स्वभाव की बताई जा रही है।
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वह दो भाइयों की इकलौती बहन थी।
आत्महत्या के पीछे के कारणों पर सस्पेंस
फिलहाल आत्महत्या के पीछे की वजह साफ नहीं हो सकी है। पुलिस हर संभावित एंगल से मामले की जांच कर रही है –
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क्या यह पढ़ाई का दबाव था?
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या कोई भावनात्मक कारण?
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मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा कोई पहलू?
इन सभी बातों की तह तक पहुंचने के लिए फॉरेंसिक टीम और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
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क्यों ज़रूरी है मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान?
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहयोग पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए जितना पढ़ाई पर दिया जाता है। समाज और परिवार दोनों की जिम्मेदारी है कि समय रहते बच्चों की मन:स्थिति को समझें।