शिक्षा विभाग के शिक्षक मंत्री गाडगे पर गंभीर अनुशासनहीनता का आरोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। धमतरी जिले के शासकीय माध्यमिक शाला बालक मडेली में पदस्थ शिक्षक मंत्री गाडगे को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, यह व्यक्ति ‘मंत्री’ नहीं बल्कि उनका नाम ‘मंत्री गाडगे’ है, जो शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे।
सरकारी घास भूमि पर बनाया पक्का मकान और दुकान
तहसील भखारा के ग्राम मडेली पब्वारी (खसरा नंबर 1219, रकबा 0.14 हेक्टेयर) की शासकीय घास भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए मंत्री गाडगे ने पक्का मकान और दुकान निर्माण करवाया। तहसीलदार की जांच में यह खुलासा हुआ कि भूमि पर निर्माण कार्य उनके पिता नंदूराम के नाम से शुरू हुआ था, लेकिन बाद में मंत्री गाडगे ने स्वयं कोर्ट में उपस्थित होकर इस निर्माण की जिम्मेदारी ली।
कोर्ट का आदेश: 3 दिन में जमीन खाली करें
न्यायालय तहसीलदार ने अतिक्रमण को अवैध ठहराते हुए मंत्री गाडगे को 3 दिनों के भीतर शासकीय भूमि खाली करने का आदेश दिया। लेकिन उन्होंने आदेश की प्रति लेने से इनकार कर दिया, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठे। यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के खिलाफ पाया गया।
निलंबन आदेश जारी, मुख्यालय बदला गया
रायपुर संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट और तहसीलदार के प्रतिवेदन के आधार पर मंत्री गाडगे को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका नया मुख्यालय शासकीय हाईस्कूल, बांझापाली (जिला महासमुंद) नियत किया गया है।
मामला क्यों है अहम?
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शिक्षक होने के बावजूद नियमों की अवहेलना
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सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
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न्यायालय के आदेश की अवहेलना
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शासन के प्रति असम्मान और कदाचार