रायपुर, छत्तीसगढ़। अंडे का ठेला लगाने से शुरुआत करने वाले रोहित और वीरेंद्र तोमर की काली कमाई का सच सामने आ गया है। रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम ने भाठागांव स्थित ‘साईं विला’ बंगले में देर रात छापेमारी की, जहां से 37 लाख रुपये नकद, सोने के जेवर, लग्जरी कारें, नोट गिनने की मशीन, हथियार और कई दस्तावेज बरामद किए गए। इस सनसनीखेज कार्रवाई के बाद पूरा शहर स्तब्ध है।
शिकायत क्या थी? कैसे फंसे तोमर ब्रदर्स
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जयदीप, मनीष और नासिर नामक पीड़ितों ने पुरानी बस्ती थाने में शिकायत दी थी कि तोमर ब्रदर्स उन्हें उधार में पैसा देकर, कोरे चेक, स्टाम्प पेपर और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाते थे।
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ब्याज के नाम पर भारी रकम वसूली जाती थी, और धमकी देकर जमीनें अपने नाम रजिस्टर्ड करवा ली जाती थीं।
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पुलिस ने IPC की धारा 308, 111 व छत्तीसगढ़ ऋणीय संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
छापेमारी में क्या मिला?
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₹37 लाख नकद
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सोने-चांदी के जेवरात
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नोट गिनने की मशीन
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लैपटॉप, आईपैड
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चेक बुक, ATM, स्टाम्प
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पैसों का हिसाब-किताब वाला रजिस्टर
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अवैध हथियार
एसएसपी उमेद लाल सिंह के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। एक आरोपी दिव्यांश तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है, बाकी की तलाश जारी है।
कभी किराए में रहने वाले अब आलीशान बंगले के मालिक
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तोमर ब्रदर्स ने टिकरापारा में अंडे की ठेली से शुरुआत की थी।
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धीरे-धीरे सूदखोरी और अवैध धंधे में उतरकर करोड़ों की संपत्ति बना ली।
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अब इनके पास 5,000 स्क्वायर फीट का बंगला, लग्जरी गाड़ियां और कई प्लॉट्स हैं।
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इनके खिलाफ पहले से चाकूबाजी, फायरिंग, वसूली जैसे कई केस दर्ज हैं।
क्या होगा अगला कदम?
पुलिस अब बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी और संपत्ति के स्रोत की जांच तेज कर चुकी है।
साथ ही वीरेंद्र तोमर पर आर्म्स एक्ट के तहत अलग से मामला दर्ज हुआ है।