बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिन कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगी है, उन्हें मतदान के लिए अवकाश मिलेगा या नहीं, इस पर अब तक कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुआ है।
निर्वाचन आयोग का आदेश, फिर भी नहीं हुआ अमल
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले ही सभी जिलों के कलेक्टरों को मतदान के दिन सार्वजनिक व सामान्य अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए थे। यह आदेश नगरीय निकाय चुनाव के साथ-साथ आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर भी लागू होगा। बावजूद इसके, कई जिलों में अब तक स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुए हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में नहीं पहुंचा आदेश
आमतौर पर कलेक्टर स्थानीय अवकाश की घोषणा करते हैं, जिसके बाद विभिन्न विभागों में इसे लागू किया जाता है। लेकिन इस बार अब तक न तो सरकारी दफ्तरों में और न ही स्कूलों में अवकाश को लेकर कोई आधिकारिक निर्देश मिला है। इससे विभाग प्रमुख भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।
मत प्रतिशत पर पड़ सकता है असर
अगर अवकाश का आदेश जल्द जारी नहीं किया गया, तो इसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ सकता है। कई सरकारी कर्मचारी नगरीय निकाय क्षेत्रों के मतदाता हैं, लेकिन उनकी ड्यूटी ग्रामीण क्षेत्रों में लगी है। स्पष्ट निर्देश के अभाव में वे मतदान से वंचित रह सकते हैं, जिससे मतदान प्रतिशत में 5 से 10% की गिरावट आ सकती है।
सोशल मीडिया पर उठा मुद्दा
सरकारी कर्मचारियों और शिक्षक संगठनों के व्हाट्सएप ग्रुपों में यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कर्मचारी चिंता जता रहे हैं कि यदि जल्द ही अवकाश को लेकर आदेश जारी नहीं होता, तो हजारों सरकारी कर्मचारी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।
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सरकार से उम्मीद, जल्द आएगा आदेश
कर्मचारियों और संगठनों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द अवकाश पर स्थिति स्पष्ट करे, ताकि सभी कर्मचारी बिना किसी असमंजस के मतदान कर सकें। अब देखना होगा कि कलेक्टरों द्वारा कब तक इस पर निर्णय लिया जाता है।