रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तरों की कार्यप्रणाली इन दिनों छुट्टियों की भरमार से बुरी तरह प्रभावित हो रही है। फाइव डे वीक और लगातार पड़ रहे राष्ट्रीय व स्थानीय अवकाश के चलते सरकारी व्यवस्था लगभग ठप पड़ने लगी है। कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचते, और आम जनता कार्यालयों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो रही है।
11 दिन में 7 छुट्टियां! कैसे रुकेगा सरकारी कामकाज?
पिछले महीने 11 दिनों में 7 छुट्टियां रहीं। अप्रैल और मई में लगातार शनिवार, रविवार और पर्व-त्योहार की छुट्टियों के कारण सप्ताह में कई बार 3 दिन तक सरकारी दफ्तर बंद रहे।
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10 अप्रैल – महावीर जयंती
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12-13 अप्रैल – शनिवार-रविवार
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14 अप्रैल – अंबेडकर जयंती
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18 अप्रैल – गुड फ्राइडे
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19-20 अप्रैल – फिर शनिवार-रविवार
इसी तरह 10-11 मई को सप्ताहांत, और फिर 13 मई को बुद्ध पूर्णिमा के कारण 3 दिन कार्यालय बंद रहे।
स्थानीय छुट्टियों ने बिगाड़ा बैलेंस, कामकाज पर पड़ा असर
पूर्ववर्ती सरकार ने फाइव डे वीक लागू तो कर दिया, लेकिन ऑफिस टाइमिंग और कार्य संस्कृति सुधारने पर कोई ध्यान नहीं दिया। ऊपर से छोटे त्योहारों पर भी छुट्टियां घोषित कर दी गईं। इससे योजनाओं और विकास कार्यों में लगातार बाधाएं आ रही हैं।
फाइव डे वीक को खत्म करने की तैयारी, पुराने सिस्टम की वापसी संभव
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान राज्य सरकार फाइव डे वीक व्यवस्था को रद्द करने की योजना पर विचार कर रही है। चर्चा है कि जल्द ही दूसरे और चौथे शनिवार की छुट्टी और बाकी दिनों कार्य का पुराना सिस्टम फिर से लागू किया जा सकता है।
केंद्र की नकल लेकिन अनुशासन नहीं! बायोमेट्रिक अटेंडेंस भी नहीं लागू
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्रेरणा लेकर फाइव डे वीक तो लागू किया, लेकिन केंद्रीय कार्यालयों जैसी टाइमिंग और अनुशासन का पालन नहीं किया। केंद्र के अधिकांश विभागों में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अनिवार्य उपस्थिति और बायोमेट्रिक हाजिरी लागू है, जबकि राज्य के कार्यालयों में अब तक इसे लागू नहीं किया गया है।
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छुट्टियों का फायदा न सरकार को मिला, न कर्मचारियों को
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को अधिक अवकाश देने की कोशिश की थी, लेकिन चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया कि इससे राजनीतिक लाभ नहीं मिला। अब बीजेपी सरकार कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए फाइव डे वीक की समीक्षा कर रही है।