कोरबा, छत्तीसगढ़। कुसमुंडा क्षेत्र में SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के खिलाफ विस्थापित महिलाओं ने अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया। वर्षों से रोजगार की मांग कर रहीं इन महिलाओं का आक्रोश आखिरकार सड़कों पर दिखाई दिया। यह विरोध प्रदर्शन न केवल उनके संघर्ष की गवाही देता है बल्कि न्याय और सम्मान की मांग का एक गूंजता हुआ संदेश भी है।
पैतृक जमीन गई, वादे अधूरे रह गए
महिलाओं ने बताया कि पुश्तैनी जमीन लेने के बदले SECL ने नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन सालों बाद भी उन्हें न रोजगार मिला, न भरोसे का सम्मान। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और कंपनी ने सिर्फ कागजी आश्वासन दिए हैं।
तख्तियों के साथ प्रदर्शन, गरजती नारों की आवाज
महिलाएं हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर सड़क पर उतरीं। उन्होंने जमकर नारेबाजी की और कहा कि यह प्रदर्शन सिर्फ शुरुआत है। अगर जल्द समाधान नहीं मिला, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
छत्तीसगढ़ महतारीमन के अइसन रूप, हाल बड़ दुखद हे. ये वीडियो कोरबा के कुसमुंडा ले आये हे. जिहां एसईसीएल के खिलाफ अपन पुरखौती भुइँया ले विस्थापित दीदीमन रोजगार के मांग ल लेके विरोध करत हें. #जय #छत्तीसगढ़ #महतारी pic.twitter.com/oXkpcldtzX
— डॉ. वैभव बेमेतरिहा (पत्रकार, कवि ) (@vaibhavshiv2) July 18, 2025
प्रशासन से की तत्काल हस्तक्षेप की मांग
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने स्थानीय प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब धैर्य जवाब दे रहा है। न्याय, रोजगार और सम्मान के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी।
महतारीमन की हुंकार: यह चुप नहीं बैठेंगी
यह विरोध एक बार फिर साबित करता है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगी। वे अपनी आवाज बुलंद करना जानती हैं, चाहे उसे अर्धनग्न प्रदर्शन क्यों न करना पड़े।