अगली सुनवाई की तारीख: 9 जून | शिक्षक पदोन्नति विवाद पर गहराया संकट
हाईकोर्ट का सख्त रुख – सभी प्रक्रिया पर 9 जून तक पूरी तरह रोक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षक से प्राचार्य पद पर पदोन्नति को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ निर्देश दिए हैं कि 9 जून तक किसी भी प्रकार की काउंसलिंग, ज्वाइनिंग या प्रमोशन प्रक्रिया नहीं की जाएगी। यह रोक तत्काल प्रभाव से लागू रहेगी।
आदेश की अवहेलना पर हाईकोर्ट सख्त, शासन और शिक्षा विभाग को लगाई फटकार
हाईकोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई में राज्य शासन और स्कूल शिक्षा विभाग को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इसके पहले दिए गए आदेश के बावजूद कई शिक्षकों को प्राचार्य के पद पर ज्वाइन करा दिया गया, जो कोर्ट की अवमानना है।
रिपोर्ट मांगी – कितने शिक्षकों ने की ज्वाइनिंग और किसने दी अनुमति
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि कितने शिक्षकों को प्रमोट किया गया, किस अधिकारी ने ज्वाइनिंग की अनुमति दी, और किस आधार पर यह निर्णय लिया गया। जब तक अगला आदेश नहीं आ जाता, तब तक दी गई सभी ज्वाइनिंग अमान्य मानी जाएंगी।
नए सत्र से पहले अंतिम निर्णय की उम्मीद
राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि सैकड़ों प्राचार्य पद खाली हैं और नए सत्र में इससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी। हाईकोर्ट ने इस पर विचार करते हुए कहा कि 9 जून को सुनवाई के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा ताकि नया सत्र (16 जून से शुरू) प्रभावित न हो।
प्रमोशन सूची जारी करने के बाद भी जारी रही ज्वाइनिंग, हाईकोर्ट नाराज
हालांकि 30 अप्रैल को ही प्रमोशन लिस्ट जारी हुई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने 1 मई को प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद कई जिलों में ज्वाइनिंग जारी रही। कोर्ट ने इसे गलत करार दिया और संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
पृष्ठभूमि:
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2925 शिक्षकों को प्राचार्य के पद पर प्रमोट किया गया था। इसमें E संवर्ग के 1524 और T संवर्ग के 1401 शिक्षक शामिल थे। यह प्रक्रिया अब कानूनी विवादों में घिर गई है।