रायपुर (छत्तीसगढ़): नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के विरोध में राजधानी रायपुर में कांग्रेस ने जमकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में राजीव गांधी चौक स्थित ईडी कार्यालय के बाहर जुटे। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला? जानिए पूरी कहानी
🔹 मामला 2012 में सामने आया:
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्तियों पर कब्जा किया।
🔹 आरोप में ये नाम शामिल:
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज पर आरोप है कि इन्होंने यंग इंडियन लिमिटेड नाम की संस्था बनाकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को गैरकानूनी ढंग से अधिग्रहण किया।
🔹 2000 करोड़ की संपत्ति मात्र 50 लाख में:
स्वामी ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति को सिर्फ 50 लाख रुपए में अपने कब्जे में लिया, जिसमें दिल्ली का चर्चित हेराल्ड हाउस भी शामिल है।
ईडी की कार्रवाई और कोर्ट की प्रक्रिया
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अगस्त 2014: ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
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दिसंबर 2015: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी।
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अप्रैल 2025: ईडी ने इस केस में चार्जशीट दाखिल कर दी, जिसमें सोनिया, राहुल समेत चार लोगों के नाम शामिल हैं।
रायपुर में कांग्रेस का हल्लाबोल
चार्जशीट के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने ईडी कार्यालय का घेराव किया और केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया। भूपेश बघेल ने कहा कि यह कार्रवाई लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास है।