भारत में काजू-बादाम जैसे ड्रायफ्रूट्स अक्सर महंगे दाम पर बिकते हैं— ₹800 से ₹1000 प्रति किलो तक। लेकिन क्या आप जानते हैं कि झारखंड के जामताड़ा में ये ही ड्रायफ्रूट्स केवल ₹30-₹50 प्रति किलो की कीमत में मिलते हैं? यहां लोग सब्जी की तरह किलो नहीं बल्कि झोला भर के काजू-बादाम खरीदते हैं, और वो भी बिना जेब पर ज्यादा बोझ डाले!
क्यों इतने सस्ते हैं काजू-बादाम जामताड़ा में?
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झारखंड के जामताड़ा जिले में हर साल हजारों टन काजू की पैदावार होती है।
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करीब 49 एकड़ जमीन पर फैली खेती, जिससे स्थानीय स्तर पर भारी उत्पादन होता है।
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काजू की फसल की प्रोसेसिंग वहीं स्थानीय मजदूर करते हैं और बिचौलियों की कमी से यह सस्ते दामों पर बिकता है।
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किसानों के पास मूलभूत सुविधाएं भले कम हों, लेकिन पैदावार बेहतर है।
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सुरक्षा इंतजाम कम होने से कुछ मजदूर फसल को सस्ते में बेच देते हैं, जिससे आम जनता को यह लाभ मिल रहा है।
खेती की शुरुआत कैसे हुई?
कुछ साल पहले जामताड़ा के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने उड़ीसा के कृषि वैज्ञानिकों से भूमि परीक्षण करवा कर ड्रायफ्रूट्स की खेती शुरू करवाई थी। इस पहल से क्षेत्र में कृषि क्रांति आ गई और किसानों को नई आय का स्रोत भी मिला।
देशभर से लोग क्यों आ रहे हैं?
जब से ये जानकारी सामने आई है कि जामताड़ा में काजू प्याज के रेट में मिलता है, तब से यहां खरीददारों की भीड़ लगी हुई है। लोग अब 2 किलो नहीं, सीधे झोले भर-भर कर ड्रायफ्रूट्स ले जा रहे हैं।