दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में दो नवजात बच्चों की अदला-बदली हो गई। इस लापरवाही के चलते दो परिवारों के बीच विवाद शुरू हो गया है। मामला तब सामने आया जब एक परिवार ने बच्चे की जन्म तस्वीरों को जांचा और पाया कि नवजात की पहचान मेल नहीं खा रही है। इस गंभीर त्रुटि को लेकर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
कैसे हुई नवजात बच्चों की अदला-बदली?
🔹 मामला सिंह और कुरैशी परिवार से जुड़ा है, जिनकी महिलाओं ने एक ही समय के आसपास शिशुओं को जन्म दिया था।
🔹 अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण दोनों बच्चों को गलत माता-पिता को सौंप दिया गया।
🔹 शुरुआत में किसी को कोई शक नहीं हुआ, लेकिन आठ दिन बाद कुरैशी परिवार को संदेह हुआ और उन्होंने जन्म के समय की तस्वीरों को जांचा।
🔹 जब तस्वीरों में बच्चा अलग नजर आया, तो दोनों परिवारों ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत दर्ज करवाई।
DNA टेस्ट से होगा असली माता-पिता का खुलासा
✅ इस विवाद के बाद जिला कलेक्टर ने जांच समिति गठित कर दी है।
✅ DNA टेस्ट कराया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कौन किसका असली माता-पिता है।
✅ अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आने से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बच्चे की वापसी पर अड़ा सिंह परिवार
📌 सिंह परिवार ने बच्चे की अदला-बदली से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने बच्चे से भावनात्मक लगाव बना लिया है।
📌 कुरैशी परिवार अपने असली बच्चे को वापस लेने की मांग कर रहा है।
📌 प्रशासन इस विवाद को DNA रिपोर्ट के आधार पर सुलझाने की कोशिश कर रहा है।
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अस्पताल की लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल
⚠️ कई अस्पतालों में नवजातों की सही पहचान के लिए आईडी टैग का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस मामले में यह प्रक्रिया सही तरीके से लागू नहीं हुई।
⚠️ जन्म के बाद मां और बच्चे की तस्वीरें भी खींची गई थीं, लेकिन डिस्चार्ज के दौरान गलती का खुलासा हुआ।
⚠️ अस्पताल स्टाफ की इस गंभीर चूक के चलते स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।