रायपुर न्यूज़ – छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले में फंसे तीन हाई-प्रोफाइल आरोपी — निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और पूर्व डिप्टी सचिव सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।
लेकिन ये राहत कड़ी शर्तों के साथ मिली है।
सुप्रीम कोर्ट की शर्तें क्या हैं?
-
आरोपी छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकते क्योंकि वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
-
अन्य लंबित मामलों को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी बनी रहेगी।
-
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सिर्फ अंतरिम राहत है।
क्या है कोयला लेवी घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया कि 2020 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में कोयले के हर टन पर ₹25 की अवैध वसूली की गई।
यह वसूली एक निजी समूह द्वारा की जा रही थी जो राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत में शामिल था।
540 करोड़ की जबरन वसूली:
-
कुल पीओसी (Proceeds of Crime) – लगभग ₹540 करोड़
-
इस रकम का इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने, चुनाव खर्च, और चल-अचल संपत्तियों की खरीद में किया गया।
छत्तीसगढ़ BJP में बड़ी कार्रवाई: 7 नेता पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित…
अब तक की कार्रवाई:
-
11 लोगों की गिरफ्तारी
-
26 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायतें दर्ज
-
₹270 करोड़ की संपत्ति जब्त