शासकीय व निजी स्कूलों को समयसीमा में पूरी करनी होगी स्कैनिंग प्रक्रिया
रायपुर। छत्तीसगढ़ में छात्रों को समय पर किताबें उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल ने एक नई गति पकड़ी है। पाठ्यपुस्तक वितरण में पारदर्शिता लाने और अनियमितताओं को रोकने के लिए अब प्राइवेट स्कूलों को 7 दिनों के भीतर बारकोड स्कैनिंग पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
हर किताब पर अब दो बारकोड, पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पांडेय ने बताया कि इस वर्ष से प्रत्येक किताब पर दो बारकोड लगाए गए हैं—
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एक प्रिंटर की पहचान के लिए
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दूसरा संबंधित स्कूल की पहचान के लिए
इससे किताबों की ट्रैकिंग और वितरण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनेगी।
2.41 करोड़ किताबें प्रिंट, 90% शासकीय स्कूलों में पहुंची
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इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की गईं
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17-18 जून 2025 तक सभी डिपो में पहुंच चुकी हैं
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कक्षा 9वीं और 10वीं की पुस्तकें शासकीय स्कूलों में 90% तक वितरित
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आत्मानंद स्कूलों में 60% किताबें पहुंची, शेष जल्द
प्राइवेट स्कूलों को बारकोड स्कैनिंग के बाद ही मिलेगी किताबें
इस बार प्राइवेट स्कूलों को पुस्तकें तभी दी जाएंगी जब वे अपने विद्यालय में बारकोड स्कैनिंग पूर्ण कर लेंगे।
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पहले यह प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से होती थी
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अब सीधे डिपो से बारकोड स्कैनिंग के बाद ही वितरण होगा
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पिछले 3 दिनों में कुछ तकनीकी बाधाएं आईं, लेकिन सरकार ने तेजी से लिया फैसला
7 दिन की डेडलाइन: मुख्यमंत्री साय की सख्ती
जब स्थिति मुख्यमंत्री साय के संज्ञान में आई और बताया गया कि 1100+ सरस्वती शिक्षा मंदिरों सहित कई निजी स्कूलों को किताबें मिलनी हैं, उन्होंने
“सभी प्राइवेट स्कूल 7 दिनों में बारकोड स्कैनिंग पूरी करें”
का निर्देश जारी किया।
राजा पांडेय ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे हर छात्र को समय पर किताबें मिलेंगी और कोई वंचित नहीं रहेगा।