रायपुर में बढ़ रहा नशे और सट्टेबाजी का अवैध कारोबार
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नशे, जुआ और सट्टेबाजी के अवैध कारोबार ने एक बार फिर पैर पसार लिए हैं। जहां एक ओर पुलिस प्रशासन नशे और अपराध के खिलाफ कार्रवाई का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर शहर के कई इलाकों में खुलेआम अवैध गतिविधियां जारी हैं।
निजात अभियान के बाद भी क्यों नहीं थम रहा अवैध धंधा?
पूर्व एसएसपी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में चलाए गए “निजात अभियान” के बाद भी रायपुर में नशे और सट्टेबाजी का जाल खत्म नहीं हुआ। अभियान के दौरान कई गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन अब पुलिस की सुस्ती के चलते अपराधी फिर से सक्रिय हो गए हैं।
स्थानीय नेताओं की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस अवैध कारोबार में कुछ छुटभैया नेताओं और प्रभावशाली लोगों का भी हाथ हो सकता है। गली-मोहल्लों में पुड़िया सप्लाई से लेकर सट्टेबाजी के बड़े अड्डे तक चल रहे हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई नाममात्र की रह गई है।
पुलिस की निष्क्रियता या मिलीभगत?
रायपुर के कई क्षेत्रों में खुलेआम नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। स्थानीय लोग भी इस समस्या से परेशान हैं, लेकिन पुलिस का रवैया सुस्त बना हुआ है। सवाल उठता है कि जब जनता को इन अवैध गतिविधियों की जानकारी है, तो पुलिस क्यों बेखबर बनी हुई है?
रायपुर में 6 लाख की नशीली टेबलेट जब्त, दो आरोपी गिरफ्तार
अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़
टिकरापारा थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कमल विहार सेक्टर-4 के पास एक कार से 4,100 नग प्रतिबंधित नशीली टेबलेट नाइट्रोटेन बरामद की। जब्त टेबलेट की कुल कीमत ₹6 लाख आंकी गई है।
ओडिशा से जुड़े आरोपी गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शेख मोइनुद्दीन (36) और मोहम्मद नसीर (33) के रूप में हुई है। दोनों आरोपी बरगढ़, ओडिशा के रहने वाले हैं और रायपुर में नशीली दवाओं की सप्लाई कर रहे थे।
नशे के खिलाफ और सख्ती की जरूरत
हालांकि पुलिस ने इन तस्करों को पकड़ लिया, लेकिन रायपुर में नशे का यह खेल खत्म नहीं हुआ है। जरूरत है कि पुलिस प्रशासन स्थानीय सप्लायर्स और बड़े नेटवर्क को तोड़े, ताकि युवाओं को नशे से बचाया जा सके।
रायपुर की जनता के लिए बड़ा सवाल
👉 क्या पुलिस प्रशासन नशे और सट्टेबाजी पर ठोस कार्रवाई करेगा?
👉 स्थानीय नेताओं और प्रभावशाली लोगों की भूमिका की जांच होगी?
👉 “निजात अभियान” को फिर से सक्रिय किया जाएगा?
अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो रायपुर में अपराध का यह काला जाल और भी गहराता जाएगा।