राज्य सरकार की नई नीति से बदलेंगे ज़मीन के दाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अचल संपत्ति और ज़मीन की सरकारी कीमतें बढ़ाने की तैयारी तेज हो गई है। सरकार का लक्ष्य ज़मीन के प्रचलित बाजार मूल्य और गाइडलाइन दर के बीच का अंतर कम करना है। इसके लिए प्रत्येक रिहायशी कॉलोनी, वाणिज्यिक क्षेत्र और अन्य इलाकों में ज़मीन की बाजार कीमत का आकलन किया जा रहा है।
कैसे हो रहा है ज़मीन के मूल्य का आकलन?
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राज्य सरकार ने ज़मीन की कीमतों का विश्लेषण करने के लिए भौतिक सर्वेक्षण शुरू किया है।
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विभिन्न बैंकों से लोन अप्रूवल के लिए इस्तेमाल किए गए रेट्स की भी जानकारी ली जा रही है।
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ज़मीन की गाइडलाइन दरें 2017 से अपरिवर्तित हैं, लेकिन हकीकत में बाज़ार भाव 2 से 4 गुना तक बढ़ चुका है।
क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी?
रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि नई गाइडलाइन पर काम चल रहा है, और जैसे ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी, इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
गाइडलाइन दरों में कब होगा बदलाव?
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31 मार्च 2025 तक उप-जिला मूल्यांकन समिति स्तर पर सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
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15 अप्रैल 2025 तक केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को अंतिम प्रस्ताव सौंपा जाएगा।
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नए नियमों के तहत, मुख्य सड़क से सटे व्यावसायिक और आवासीय परिसरों की दरें अलग तय होंगी, जिससे भ्रम की स्थिति न हो।
रायपुर में दर्दनाक सड़क हादसा, हाईवा की टक्कर से दो लोगों की मौत…..
पुरानी गाइडलाइन पर क्यों हो रहा है पुनरीक्षण?
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पिछले 7 वर्षों से गाइडलाइन दरें नहीं बदली हैं।
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नियमानुसार, कलेक्टर गाइडलाइन को हर साल अपडेट किया जाना चाहिए।
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ज़मीन की बढ़ती कीमतों और वास्तविक बाज़ार मूल्य को ध्यान में रखते हुए 2025-26 के लिए दरों का संशोधन अनिवार्य हो गया है।
छत्तीसगढ़ में ज़मीन खरीदने वालों और निवेशकों के लिए यह बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।