नौकरीपेशा लोगों के लिए राहत की खबर, टैक्स-फ्री लिमिट बढ़ी, कैलकुलेशन हुआ आसान
ग्रेच्युटी से जुड़े नए नियम 2025 में लागू
सरकार ने ग्रेच्युटी टैक्स फ्री लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख से 25 लाख रुपये कर दिया है। अब कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति या इस्तीफे पर ज्यादा टैक्स-मुक्त राशि मिल सकेगी। ये नियम उन कर्मचारियों के लिए है जो कम से कम 5 साल एक ही कंपनी में काम करते हैं।
ग्रेच्युटी की पात्रता: कौन कर सकता है क्लेम?
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कम से कम 5 साल की सेवा जरूरी (एक ही कंपनी में)
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मौत या दुर्घटना की स्थिति में 5 साल की सीमा लागू नहीं
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निजी और सरकारी दोनों कर्मचारियों को लाभ
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नॉमिनी को भी मिलती है राशि, अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाए
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्या है?
फॉर्मूला:(अंतिम वेतन) × (15/26) × (सेवा अवधि)
उदाहरण:
अगर आपकी अंतिम सैलरी ₹35,000 है और आपने 7 साल काम किया है तो:₹35,000 × 15/26 × 7 = ₹1,41,346
15/26 का मतलब क्या है?
हर साल की सेवा के लिए 15 दिन की सैलरी दी जाती है, और एक माह में 26 वर्किंग डेज माने जाते हैं।
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6 महीने से ऊपर की सेवा को पूरा 1 साल गिना जाता है।
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जैसे: 7 साल 7 महीने = 8 साल | 7 साल 3 महीने = 7 साल
दो तरह के कर्मचारी और ग्रेच्युटी फॉर्मूला
एक्ट के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी
फॉर्मूला: अंतिम वेतन × सेवा अवधि × 15/26
एक्ट से बाहर के कर्मचारी
इनके लिए कंपनियां अपने नियमों के आधार पर ग्रेच्युटी तय करती हैं।
नई टैक्स-फ्री लिमिट से कर्मचारियों को क्या फायदा?
पहले सिर्फ ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स-फ्री थी, अब इसे बढ़ाकर ₹25 लाख कर दिया गया है। इससे अधिक सेवा अवधि और ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारियों को खास लाभ मिलेगा।