हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य और गृह विभाग से कार्रवाई पर मांगी रिपोर्ट
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में तेजी से फैलते ऑनलाइन सट्टा बाजार पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, राज्य शासन और गृह विभाग से हलफनामा के माध्यम से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी सक्रिय सट्टा एप्स की पहचान कर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
महादेव एप के खुलासे के बाद उठे सवाल
याचिका में यह भी सवाल उठाया गया है कि महादेव एप के बाद अब तक राज्य में कितने अन्य सट्टा एप्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने इन सभी जानकारियों को 6 मई को होने वाली अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
याचिका में शामिल किया गया एक सक्रिय सट्टा एप
इस मामले में रायपुर निवासी सुनील नामदेव द्वारा अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से एक सक्रिय सट्टा एप को भी याचिका में शामिल किया गया है।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी:
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा:
“लोग अब मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाने की होड़ में लगे हैं। यह प्रवृत्ति समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खतरनाक है।”
साथ ही कोर्ट ने सरकार को चेताया कि
“वैध और अवैध के बीच की रेखा टूटनी नहीं चाहिए।”
IPL के दौरान बढ़ती सट्टेबाज़ी पर चिंता
याचिका में यह भी ज़िक्र किया गया है कि IPL जैसे खेल आयोजनों के दौरान इन सट्टा एप्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता है, जिससे युवाओं में नशे और जुए की लत जैसी सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
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स्थायी निगरानी तंत्र की मांग
कोर्ट ने इस पूरे तंत्र पर स्थायी निगरानी बनाए रखने के लिए एक ठोस और स्थायी मैकेनिज्म विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया है।