बर्खास्त बीएड शिक्षकों को फिर मिली नौकरी, शिक्षा व्यवस्था को मिला नया संबल
रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने राज्य के 2600 से अधिक बीएड अर्हताधारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों के भविष्य को फिर से सुरक्षित करते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
इन शिक्षकों को अब सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पदों पर समायोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि शिक्षकों का भविष्य बचाना और बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता रही है। यह फैसला राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देगा और बर्खास्त शिक्षकों के लिए नई शुरुआत का द्वार खोलेगा।
क्या है फैसला?
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2,621 बीएड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों को 4,422 रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा।
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यह समायोजन गैर-विज्ञापित पदों पर किया जाएगा।
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जिन शिक्षकों की 12वीं की योग्यता कला या सामान्य संकाय से है, उन्हें 3 वर्ष का समय दिया जाएगा कि वे गणित/विज्ञान विषय में आवश्यक योग्यता पूरी करें।
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सभी समायोजित शिक्षकों को SCERT के माध्यम से 2 माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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OBC वर्ग के 355 शिक्षकों के लिए अलग से सांख्येत्तर पद बनाए जाएंगे।
पृष्ठभूमि: कैसे बदली शिक्षकों की किस्मत?
बर्खास्तगी का आदेश
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10 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीएड धारकों को प्राथमिक शिक्षा में प्राथमिकता देने का आदेश दिया।
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इसके चलते करीब 2,900 बीएड शिक्षकों की नौकरी चली गई।
125 दिनों का आंदोलन
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14 दिसंबर 2024 से नवा रायपुर में शिक्षकों ने 125 दिनों तक आंदोलन किया।
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उन्होंने भूख हड़ताल, मौन व्रत, छेरछेरा दान, और शव यात्रा जैसे तरीकों से अपनी बात सरकार तक पहुंचाई।
साय सरकार का निर्णय – 30 अप्रैल 2025
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कैबिनेट बैठक में लिया गया ऐतिहासिक फैसला – शिक्षकों को फिर से नौकरी मिलेगी।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया: “साय सरकार ने अभिभावक की भूमिका निभाई”
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शिक्षकों ने कहा कि वे मानसिक तनाव में थे, लेकिन सरकार की संवेदनशीलता और संबल से उन्हें नई ऊर्जा मिली।
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मुख्यमंत्री ने जो वादा किया था, वो निभाया – यह सुशासन और संवेदनशील नेतृत्व का प्रतीक है।