नई दिल्ली — सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर है। केंद्रीय सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर सकती है। लंबे समय से कर्मचारियों द्वारा इस आयोग की स्थापना की मांग की जा रही थी, और अब इसके गठन की संभावना जताई जा रही है।
8वें वेतन आयोग की मांग और सरकार का रुख
कर्मचारी संघों ने पिछले बजट सत्र में 8वें वेतन आयोग की मांग की थी। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। इसके बावजूद, 6 जनवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में ट्रेड यूनियनों ने एक बार फिर से इसके गठन की मांग की।
क्या 1 फरवरी के बजट में होगा ऐतिहासिक निर्णय?
अब सवाल यह उठता है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में क्या 8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा? विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी सरकार कर्मचारियों को राहत देते हुए इस महत्वपूर्ण मांग पर सकारात्मक विचार कर सकती है और इसे बजट में शामिल किया जा सकता है।
कर्मचारी संगठनों की मांग और सरकार से पत्राचार
केंद्रीय कर्मचारी महासंघ ने 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की थी। पत्र में संगठन ने कहा था कि महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी और रुपया की वैल्यू में गिरावट के कारण यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है।
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सातवें वेतन आयोग के बाद का वक्त
सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था, और इसे 2016 में लागू किया गया था। अब दस साल से अधिक समय हो चुका है, और सरकारी कर्मचारियों को नए वेतन आयोग का इंतजार है। यदि नए वेतन आयोग का गठन होता है, तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
आखिरकार, क्या मिलेगा बड़ा इज़ाफा?
यदि सरकार नए वेतन आयोग का गठन करती है, तो कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में काफी इज़ाफा होगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों के आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है।