अगर आप अपनी दुकान, ऑफिस या मकान किराए पर देकर कमाई करते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है! आगामी 1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने जा रहा है, जिसमें इनकम टैक्स से जुड़े कई अहम बदलाव लागू होंगे। सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों से किराए से आय अर्जित करने वाले करदाताओं को बड़ा लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं कि नई इनकम टैक्स स्लैब का क्या असर पड़ेगा और इससे करदाताओं को क्या फायदा मिलेगा।
किराए की आमदनी पर मिलेगा बड़ा फायदा
🔹 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया था, जिसमें किराये की आय पर टीडीएस (TDS) छूट सीमा को बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया गया।
🔹 पहले यह सीमा ₹2.40 लाख सालाना थी, जिसे बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया गया है।
🔹 इस बदलाव से मकान मालिकों और प्रॉपर्टी किराए पर देने वाले व्यापारियों को आर्थिक राहत मिलेगी।
🔹 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इस नियम से किराए की आमदनी से जुड़े करदाताओं की टैक्स देनदारी कम होगी।
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नई इनकम टैक्स स्लैब से क्या होगा फायदा?
🔹 आईटीआर (ITR) भरने की समय सीमा अब 4 साल तक बढ़ा दी गई है, जिससे करदाताओं को अधिक समय मिलेगा।
🔹 अगर कोई व्यक्ति समय पर आय विवरण नहीं जमा कर पाया, तो वह आकलन वर्ष के 2 साल के भीतर अपडेटेड रिटर्न भर सकता है।
🔹 सीनियर सिटीजन को भी बड़ी राहत दी गई है। ब्याज से होने वाली आय पर कर कटौती की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है।
🔹 मध्यम वर्ग के करदाताओं को भी राहत मिलेगी। नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय कर मुक्त होगी, और वेतनभोगी करदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ने के बाद यह सीमा ₹12.75 लाख हो जाएगी।
🔹 शिक्षा के लिए विदेश धन भेजने पर टीसीएस (TCS) से भी छूट दी गई है, जिससे छात्रों के अभिभावकों को राहत मिलेगी।