छत्तीसगढ़ में शिक्षा को वर्ल्ड क्लास बनाने की पहल, उठाए जाये ये खास कदम उठाए: सांसद बृजमोहन अग्रवाल….

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छत्तीसगढ़ में शिक्षा को वर्ल्ड क्लास बनाने की पहल, उठाए जाये ये खास कदम उठाए: सांसद बृजमोहन अग्रवाल....

Raipur | रायपुर – लोकसभा में रायपुर सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ और झारखंड के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने में कौन-कौन सी चुनौतियाँ आ रही हैं और शिक्षकों के प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

ग्रामीण शिक्षा की चुनौतियाँ और सरकार की योजनाएँ

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि समग्र शिक्षा योजना के तहत केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। रायपुर जिले में 2,415 विद्यालयों में कुल 5,39,907 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 49.63% छात्राएँ शामिल हैं।

डिजिटल शिक्षा के मुद्दे को उठाते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल सुविधाओं को कैसे बढ़ाया जा रहा है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि पीएम ई-विद्या योजना के तहत छत्तीसगढ़ में स्मार्ट क्लासरूम और आईसीटी प्रयोगशालाओं का विस्तार किया गया है।

शिक्षकों के प्रशिक्षण और शिक्षा बुनियादी ढांचे पर जोर

शिक्षकों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए SCERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) और DIETs (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों से जोड़ा जा रहा है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि स्मार्ट क्लासरूम, आईसीटी लैब और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और सशक्त किया जाना चाहिए।

सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ और सरकारी प्रयास

ग्रामीण इलाकों में कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के कारण कई छात्र माध्यमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने आवासीय विद्यालय, छात्रवृत्ति योजनाएँ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है।

डिजिटल शिक्षा के विस्तार के लिए राज्य में 10,439 स्मार्ट क्लासरूम और 3,777 आईसीटी लैब स्थापित की गई हैं। इसके अलावा, ई-कंटेंट आधारित शिक्षा, डिजिटल बोर्ड और ऑनलाइन शिक्षण सामग्री को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

सरकारी और निजी विद्यालयों की तुलना

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सरकारी और निजी विद्यालयों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 71.8% छात्र सरकारी विद्यालयों में और 28.2% छात्र निजी विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री स्कूल योजना और आदर्श विद्यालय योजना के तहत सरकारी विद्यालयों को निजी स्कूलों के समकक्ष बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का बयान

लोकसभा में अपनी बात रखते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा –

“ग्रामीण भारत में शिक्षा सुधारना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। केंद्र सरकार डिजिटल शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई योजनाएँ चला रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भी वही शिक्षा मिले जो शहरी क्षेत्रों में मिलती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए स्मार्ट शिक्षा, ई-लर्निंग और शिक्षकों के कुशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए सांसद ने सरकार से विशेष योजनाओं को लागू करने की मांग की और विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार होंगे।

उन्होंने जोर दिया कि डिजिटल शिक्षा और स्मार्ट क्लास जैसी योजनाओं की प्रभावी निगरानी होनी चाहिए, ताकि हर छात्र तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँच सके।

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