आज के डिजिटल युग में कॉल रिकॉर्डिंग स्मार्टफोन का आम फीचर बन गया है। लोग इसका इस्तेमाल अक्सर सबूत के तौर पर या ऑफिशियल बातचीत सुरक्षित रखने के लिए करते हैं। लेकिन क्या बिना पूछे कॉल रिकॉर्ड करना कानूनी है? क्या इससे जेल या जुर्माना हो सकता है?
भारत में कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर क्या कहता है कानून?
भारत में कॉल रिकॉर्डिंग पूरी तरह गैरकानूनी नहीं है, लेकिन कुछ शर्तों के तहत ही ये लीगल मानी जाती है।
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अगर कॉल पर मौजूद दोनों पक्ष सहमत हों, तो रिकॉर्डिंग लीगल है।
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लेकिन यदि आप बिना अनुमति किसी की कॉल रिकॉर्ड करते हैं, तो ये व्यक्ति की गोपनीयता (Right to Privacy) का उल्लंघन है और कानूनी सजा का कारण बन सकता है।
कॉल रिकॉर्डिंग से जुड़ी धाराएं और सजा
बिना इजाजत कॉल रिकॉर्ड करना और उसका गलत इस्तेमाल करना निम्न कानूनों के तहत अपराध है:
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IPC धारा 354D – पीछा करना या स्टॉकिंग
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IT एक्ट धारा 66E – प्राइवेसी का उल्लंघन
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IPC धारा 499 और 500 – मानहानि और बदनामी
सजा: 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों
कब है कॉल रिकॉर्डिंग वैध?
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जब दोनों व्यक्ति रिकॉर्डिंग पर सहमत हों
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कस्टमर केयर या ऑफिस कॉल्स, जहां पहले ही जानकारी दी जाती है
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कानूनी सुरक्षा या व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए (लेकिन निजी उपयोग तक सीमित हो)
बिना बताए रिकॉर्डिंग और वायरल करना गंभीर अपराध है
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किसी की कॉल रिकॉर्ड करके उसे सोशल मीडिया पर डालना, दूसरों को भेजना या ब्लैकमेलिंग करना गंभीर अपराध है
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ऐसा करने से आपकी छवि, नौकरी और भविष्य पर असर पड़ सकता है
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कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स से भी खतरा
कई थर्ड पार्टी ऐप आपकी कॉल रिकॉर्ड करके डेटा को बिना आपकी जानकारी के सर्वर पर अपलोड कर सकते हैं। इससे डेटा लीक और साइबर अपराध का खतरा बढ़ जाता है। सिर्फ भरोसेमंद ऐप्स का ही उपयोग करें और समय-समय पर फोन की प्राइवेसी सेटिंग्स जरूर जांचें।