राज्य के 900 से अधिक डॉक्टर पदस्थापना के इंतजार में, स्वास्थ्य सेवाएं हो रहीं प्रभावित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस और पीजी पासआउट डॉक्टरों की अनुबंध पदस्थापना में हो रही देरी को लेकर जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह ने किया।
प्रदेश के 900 डॉक्टर महीनों से पदस्थापना के इंतजार में
ज्ञापन में बताया गया कि राज्य में करीब 700 एमबीबीएस और 200 पीजी विशेषज्ञ डॉक्टर पिछले 3 से 4 महीनों से अनुबंध पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बॉन्ड सेवा के तहत इन्हें पदस्थ किया जाना है, लेकिन प्रक्रिया में देरी के चलते नौजवान डॉक्टरों के करियर पर असर पड़ रहा है और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी बनी हुई है।
एसोसिएशन की प्रमुख मांगें क्या हैं?
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एमबीबीएस और पीजी डॉक्टरों की शीघ्र अनुबंध पदस्थापना की जाए।
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स्थान आवंटन हेतु पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया लागू हो।
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राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने तत्काल निर्णय लिया जाए।
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“स्वास्थ्य सेवाएं हो रही कमजोर, शासन ले तत्काल निर्णय” – डॉ. रेशम सिंह
डॉ. रेशम सिंह ने कहा कि सरकार यदि इस विषय को गंभीरता से ले और जल्द पदस्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ करे, तो राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी और नवोदित डॉक्टरों को भी सेवा का अवसर मिलेगा। उन्होंने पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि काउंसलिंग के ज़रिए कार्यस्थल का निर्धारण होना चाहिए।