कोरबा। ऑनलाइन गेम के जरिए शुरू हुई एक प्रेम कहानी का अजीब मोड़ तब आया जब शादी के बाद युवती ने पति को छोड़ दिया और अपने माता-पिता के पास वापस चली गई। युवक ने पत्नी को जबरन बंधक बनाए जाने का संदेह जताते हुए हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।
ऑनलाइन गेम से शुरू हुई प्रेम कहानी
कोरबा के शंकर गवेल और पश्चिम बंगाल की एक युवती की पहचान साल 2023 में एक ऑनलाइन गेम के जरिए हुई। दोनों के बीच चैटिंग हुई, दोस्ती बढ़ी और फिर प्यार में बदल गई। उस समय युवती नाबालिग थी, लेकिन उन्होंने बालिग होने के बाद शादी करने का फैसला किया।
माता-पिता की इच्छा के खिलाफ शादी
नवंबर 2024 में युवती ने शंकर को बताया कि उसके माता-पिता उसकी जबरन शादी करवाना चाहते हैं। इसके बाद 26 नवंबर को युवक पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर पहुंचा और युवती को अपने साथ कोरबा ले आया। 7 दिसंबर को कोरबा के सर्वमंगला मंदिर में दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली।
शादी के बाद पत्नी ने बदला इरादा
कुछ समय तक साथ रहने के बाद 4 जनवरी को युवती की मां ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस जांच के दौरान युवती अपने माता-पिता के पास लौट गई और पति को छोड़ दिया।
पति ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका
पत्नी के जाने से परेशान शंकर ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की और आरोप लगाया कि उसकी पत्नी को जबरन बंधक बनाकर रखा गया है।
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कोर्ट ने सुनवाई के बाद की याचिका खारिज
कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान युवती ने खुद स्वीकार किया कि वह अपनी मर्जी से माता-पिता के साथ रह रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने माना कि युवती को अवैध रूप से कैद में नहीं रखा गया है और याचिका खारिज कर दी।