हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के सदस्य महेश पोद्दार ने दिखाई मानवता की मिसाल, गर्भवती महिला और अजन्मे शिशु की बचाई जान…

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हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के सदस्य महेश पोद्दार ने दिखाई मानवता की मिसाल, गर्भवती महिला और अजन्मे शिशु की बचाई जान…

रायपुर में सड़क हादसे के बाद दिखाई तत्परता, समय पर पहुंचाया AIIMS अस्पताल

रायपुर। सामाजिक संस्था हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन से जुड़े महेश पोद्दार ने एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश करते हुए मानवता और संवेदनशीलता की मिसाल कायम की। शनिवार को जब वे कार्य से घर लौट रहे थे, तभी एक गर्भवती महिला स्कूटी से जा रही थी, जिसे एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी।

महेश पोद्दार ने बिना देर किए बढ़ाया मदद का हाथ

हादसे को देखते ही महेश पोद्दार ने तुरंत गाड़ी रोकी, घायल महिला को संभाला, पानी पिलाया और एक ऑटो की सहायता से उन्हें एम्स रायपुर अस्पताल पहुंचाया। साथ ही उन्होंने महिला के परिजनों को सूचना देकर उन्हें मौके पर बुलाया, जिससे त्वरित इलाज की व्यवस्था संभव हो सकी।

समय पर उपचार से दो जिंदगियों को मिला नया जीवन

डॉक्टरों के अनुसार, अगर समय पर मदद नहीं मिलती तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। महेश पोद्दार की इस त्वरित सहायता से गर्भवती महिला और उसके शिशु दोनों की जान बचाई जा सकी। परिवार के सभी सदस्य अस्पताल पहुंच चुके हैं और दोनों की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।

रिश्तेदारों और संस्था ने जताया आभार, ट्रैफिक AIG करेंगे सम्मानित

महिला के परिजनों और हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के सदस्यों ने महेश पोद्दार के इस साहसिक और संवेदनशील कार्य के लिए आभार व्यक्त किया। वहीं, छत्तीसगढ़ ट्रैफिक पुलिस के AIG संजय शर्मा ने भी महेश पोद्दार की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें “गुड सेमिरिटन अवॉर्ड” से सम्मानित किया जाएगा।

“इंसानियत सबसे बड़ा धर्म” – फाउंडेशन ने की अपील

हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन ने इस प्रेरक घटना के माध्यम से सभी से अपील की है कि समाज में कोई व्यक्ति चाहे परिचित हो या अजनबी, जरूरत के समय मदद करना ही असली मानवता है। महेश पोद्दार का यह कार्य इस बात का जीवंत उदाहरण है कि निस्वार्थ सेवा ही सच्चा धर्म है।

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