पिछले पांच वर्षों में दोगुना हुआ आबकारी राजस्व
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री और खपत दोनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पिछले पांच सालों में सरकार को शराब से मिलने वाला राजस्व लगभग दोगुना हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (NFHS) की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की 35.9% आबादी शराब का सेवन करती है। फरवरी 2024 में ही पिछले साल की तुलना में अधिक शराब की खपत दर्ज की गई है।
छत्तीसगढ़ में छह वर्षों में ऐसे बढ़ी शराब से कमाई
राज्य सरकार को 2019-20 से 2024-25 तक शराब बिक्री से मिले राजस्व की स्थिति इस प्रकार है:
वर्ष | राजस्व (करोड़ रुपये) |
---|---|
2019-20 | 4952.79 |
2020-21 | 4636.9 |
2021-22 | 5110.15 |
2022-23 | 6783.61 |
2023-24 | 8430.49 |
2024-25 | 8600 (अब तक) |
क्या इस बार 11 हजार करोड़ का लक्ष्य पूरा होगा?
सरकार ने 2024-25 में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 11,000 करोड़ रुपये रखा है, जिसमें से अब तक 8600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मार्च 2025 तक इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है, क्योंकि साल के अंतिम तिमाही में शराब की बिक्री सबसे ज्यादा होती है।
छत्तीसगढ़ में बढ़ रही शराब पीने वालों की संख्या
शराब की बढ़ती बिक्री के साथ राज्य में शराब पीने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (NFHS) के अनुसार, भारत में 22.4% पुरुष शराब पीते हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 35.9% तक पहुंच चुका है।
भारत में किन राज्यों में सबसे ज्यादा शराब पीने वाले पुरुष हैं?
- गोवा – 59.1%
- अरुणाचल प्रदेश – 56.6%
- तेलंगाना – 50%
- झारखंड – 40.4%
- ओडिशा – 38.4%
- सिक्किम – 36.3%
- छत्तीसगढ़ – 35.9%
- तमिलनाडु – 32.8%
- उत्तराखंड – 32.1%
- आंध्र प्रदेश – 31.2%
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क्या बढ़ती शराब खपत चिंता का विषय?
विशेषज्ञों का मानना है कि शराब की बढ़ती खपत से सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। सरकार को इस विषय पर नशा मुक्ति और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि समाज में संतुलन बना रहे।